harda big news: नाव चलाने वाले के बेटे ने डी.एस.पी. बनकर हरदा का किया नाम रोशन , हारिए न हिम्मत पुस्तक और ज्ञानगंगा स्कूल से मिली प्रेरणा
हारिए न हिम्मत पुस्तक और ज्ञानगंगा स्कूल से मिली प्रेरणा
हरदा। ग्राम खरदना तहसील हंडिया में राम सिंह छापरे नाव चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है । परंतु अपने बेटे लोकेश छापरे को उन्होंने अच्छी परवरिश और संस्कार दिए और अपनी आर्थिक परीस्थिति को कभी भी लोकेश की शिक्षा में रुकावट नहीं बनने दिया, लोकेश की प्रारंभिक शिक्षा ग्राम खरदना, बिछैला में हुई जहां नाव से नदी पार कर प्रतिदिन 5 किलोमीटर स्कूल जाना पड़ता था।
इसके बाद हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूली शिक्षा ज्ञान गंगा हायर सेकेंडरी स्कूल हरदा से पास की। लोकेश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं ज्ञान गंगा स्कूल के प्राचार्य श्री अर्जुन सिंह चौहान द्वारा प्रार्थना में प्रतिदिन सफलता के मूल मंत्र दिए जाते थे, जैसे जीवन में नैतिक शिक्षा का महत्व, अनुशासन , संस्कार एवं कठोर परिश्रम श्री चौहान सर द्वारा कक्षा ग्यारहवीं में मुझे आचार्य श्री राम शर्मा द्वारा रचित पुस्तक हारिए ना हिम्मत उपहार में दी जो मेरी सफलता का आधार बनी वह पुस्तक मेरे पास आज भी मेरी विरासत के रूप में है। इसी क्रम में ज्ञान गंगा स्कूल की संचालक बड़ी दीदी श्रीमती बबीता चौहान की सादगी एवं स्नेह ने मुझे बहुत प्रभावित किया साथ ही क्लास टीचर सुश्री रिचा गुप्ता ने सिविल सेवा के लिए प्रेरित एवं मार्गदर्शन किया और आज इनके सहयोग एवं मार्गदर्शन से आज में डी.एस.पी. के पद पर पहुंचा हूं ,और यही मेरी गुरु दक्षिणा है आशा है आप स्वीकार कर आशीर्वाद देगे।