Harda Big News : साहूकार अर्पित अग्रवाल ने की धोखाधड़ी आपसी इकरार नामा को बनाया मुख्तरनामा,और स्टांप पर दी गई समय सीमा से पहले कर ली रजिस्ट्री, कलेक्टर को शिकायत कर निष्पक्ष जांच करवाने की की मांग
हरदा : मंगलवार को जिला जनसुनवाई में हंडिया तहसील के अबगांव कला निवासी रेवाराम विश्वकर्मा ने जिलाधीश महोदय के नाम एक आवेदन सोपा। पीड़ित किसान ने बताया की ऊंची पहुंच परख रखने वाले शहर के व्यापारी अर्पित अग्रवाल से उन्होंने ब्याज से एक लाख 80 हजार एक साल के लिए उधार लिया था । उसके बदले उन्होंने स्टांप पर लिखा पढ़ी करवाई थी। जिसमे दो एकड़ भूमि लिखवाई गई थी। उसकी समय सीमा भी एक साल की थी लेकिन समय सीमा के पहले ही एक फर्जी स्टांप मुख्तार नामा बनवाकर अर्पित अग्रवाल ने 5 एकड़ जमीन हड़प ली। और उसे भी बेच दिया। पीड़ित किसान ने जिलाधीश ऋषि गर्ग के नाम दिए आवेदन में कहा की बीते दिनो हंडिया तहसील में फर्जी रजिस्ट्री के मामलो में जो त्वरित कार्यवाही हुई है। उससे जनता में आपके प्रति विश्वास जागा है। मेने पूर्व में कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। मुझे अब उम्मीद है की आप जेसे ईमानदार अधिकारी जांच टीम बनवाकर मुझे न्याय दिलवायेगे।
यह है शिकायत पत्र
कलेक्टर के नाम दिए गए आवेदन में रेवाराम ने बताया की हरदा के साहूकार अर्पित पिता शंकरलाल अग्रवाल और उनकी मां श्रीमति मालतीदेवी पति शंकरलाल अग्रवाल ने मेरे आधिपत्य व स्वामित्व की कृषि भूमि ग्राम अबगॉवकलाँ तह. व जिला हरदा खसरा नं. 4/1 (घ), 4/1 (ण), 4/1 (ख), 4/1 (ग) रकवा 5.05 एकड़ स्थित है उक्त कृषि भूमि को हड़पने के नियत से अनावेदक क्र. 01 अर्पित के द्वारा फर्जी मुख्त्यारनामा आम के अपने नाम से बनाकर फर्जी मुख्त्यारनामा तैयार किया और उक्त फर्जी मुख्त्यारनामा के आधार उक्त वर्णित भूमियों को अनावेदक क्र. 02 श्रीमति मालतीदेवी जो कि अनावेदक क्र. 01 अर्पित की माँ है जो रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय कर दी । इस प्रकार अनावेदकगणों के द्वारा छलपूर्वक नियोजित तरीके से जमीन हडपने के उद्देश्य से मुझसे छल कर ऐसा कृत्य किया गया है। आवेदक ने कभी भी अनावेदक क्र. 01 अर्पित को उक्त भूमियों के संबंध में मुख्यत्यारनामा आम नियुक्त नहीं किया है ।
प्राप्त क्रमांक 2 यह कि, आवेदक के द्वारा दिनांक 20.10.2008 में राशि रूपये 1. 80,000/- (एक लाख अस्सी हजार रूपये) ब्याज से उधारी में लिये थे राशि उधार देने के वक्त अर्पित ने यह शर्ते रखी थी कि जमानत के तौर पर तुम्हें (आवेदक) अपनी जमीन मेरे नाम से बेचने का इकरारनामा लिखकर देना होगा । अगर इकरारनामा नहीं लिखकर दोगे तो तुम्हें राशि उधार नहीं दुगा मुझे पैसे कि अति आवश्यकता थी इसलिए अनावेदक की शर्तानुसार आवेदक ने इकरारनामा हेतु एक स्टाम्प 100/- रूपये का खरीद कर अनावेदक क्र. 01 अर्पित को कोरी अवस्था में दे दिया था किन्तु अनावेदक क्र. 01 अर्पित ने उक्त स्टाम्प पर फर्जी मुख्त्यारनामा खास बनाकर कूटरचना कर मुख्त्यारनामा के आधार पर मेरी उक्त कृषि भूमि की रजिस्ट्री अनावेदक क्र. 02 श्रीमति मालतीदेवी के नाम पर कर दी जब मेरी उक्त कृषि भूमि को बेचने हेतु मेरी किसी प्रकार की कोई सहमति नहीं थी । इस • प्रकार अनावेदकगणों के द्वारा छलपूर्वक एवं कूटरचना कर उक्त कृषि भूमि हडपना चाहते है जबकि उक्त कृषि भूमि आज दिनांक तक मेरे कब्जे में है ।
अतः श्रीमान से निवेदन है कि अनावेदकगणों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें ।
आवेदक
रेवाराम