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Harda news : नवजात हत्या मामले में नर्सिंग होम संचालक, नर्सेस, डॉक्टर्स व अन्य के खिलाफ न्याय दिलाने कोर्ट जाएगी आयाम संस्था !

– आयाम जनकल्याण समिति नाबालिग रेप कांड, नवज़ात हत्या मामले में आरोपी सहित लिप्त चिकित्सकों के विरुद्ध लेगी कोर्ट की शरण !

मकड़ाई समाचार हरदा। जिला सिवनी में संचालित आयाम संस्था ने वर्ष 2020 में हुए नाबालिग रेप कांड, पीड़ित के गर्भवती होने, गर्भपात होने, नवजात बालिका की हत्या होने, आरोपी को जमानत मिलने, इनाम रखने के बावजूद बिना जुर्माना जमानत होने, चिकित्सको के संज्ञान में मामला होने के बाद धनबल से  मामले से बाहर होने, आरोपी द्वारा नाबालिग से विवाह होने आदि अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों पर संस्था विचार कर मय प्रमाण के इन मामलों को पुनः लेकर न्याय हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित होगी। इस मामले को पुनः कोर्ट में चलाने की बात  प्रेस नोट में कही गयी है। प्रेस नोट अधिवक्ता  अनिल जाट ने जारी किया है।

देखना यह है कि आयाम संस्था तथ्यों सबूतों के आधार पर किस तरह पीड़िता को न्याय दिलवाने में अपनी भूमिका निभाती है।

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ये विवरण है जारी  प्रेस नोट में –

शहर के इंदौर रोड पर स्थित भगवती नर्सिंग होम में वर्ष 2020 में एक बलात्कार पीड़िता नाबालिक से उत्पन्न हुई नवजात अबोध बालिका की हत्या गर्दन काटकर कर दी गई थी। जिसमें पुलिस प्रशासन द्वारा नाबालिक रेप पीडिता उसकी मां और रेप के आरोपी युवराज पटेल को बलात्कार का आरोपी बनाया था। इसमें युवराज पटेल के पिता अर्जुन पटेल को भी पुलिस ने हत्या का आरोपी बनाया था, परंतु इस षंडयंत्र में शामिल डॉक्टरों को राजनैतिक और धन, बल के चलते छोड़ दिया गया था।

वर्तमान समय में बलात्कार पीड़िता की मां जेल में बंद है। उच्च न्यायालय से हत्या का आरोपी अर्जुन पटेल और उसका बलात्कारी बेटा युवराज पटेल जमानत पर हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा बलात्कार पीड़ित का गर्भपात करने और पुलिस से जानकारी छुपाने वाले सहयोगी डॉक्टरों और नर्सों तथा नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई थी। इस मामले में बलात्कार पीड़िता को न्याय दिलाने की मंशा से आयाम संस्था द्वारा प्रकरण से संबधित दस्तावेज प्राप्त किए गए। उक्त दस्तावेजों में बलात्कार पीड़िता की मां ने पुलिस को कथन में बताया था, कि डॉ. मनीष शर्मा को नाबालिक रेप पीड़िता के गर्भवती होने की जानकारी दी थी। इसके बाद भी निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराकर मामले को रफा दफा किया गया। जिन्हें पुलिस ने मामले में आरोपी नहीं बनाया गया। इसी प्रकार भगवती नर्सिंग होम के संचालक रामविलास पटेल द्वारा भी प्रकरण को रफादफा करने की मंशा से कार्य किया। जिसे भी पुलिस द्वारा आरोपी नहीं बनाया गया। डॉ. विशाल सिंह बघेल को भी नाबालिग बलात्कार पीड़िता की जानकारी होने के बाद भी अपनी पत्नी डॉ. आकांक्षा बघेल द्वारा सोनोग्राफी की इन दोनों को भी पुलिस द्वारा आरोपी नहीं बनाया गया। युवराज पटेल की हवस की शिकार बनीं एक नाबालिक रेप पीड़िता गरीब तबके की होने के कारण। डॉक्टरों और भगवती नर्सिंग होम के स्टॉफ ने चंद रुपयों के लिए नाबालिक रेप पीड़िता बालिका से उत्पन्न बालिका की गर्दन काटकर हत्या करने जैसे जंघन्य अपराध में सहयोग किया है। जिससे उसे न्याय नहीं मिल सका है। आयाम संस्था के अधिवक्ता अनिल जाट ने बताया कि न्यायालय में पूर्व से संचालित पुलिस कार्यवाही के खिलाफ प्रोटेश पिटिशन/नाराजी याचिका दायर कर पुलिस के द्वारा जिन डॉक्टरों को और नर्सिंग होम एवं उसके कार्य करने वाले कर्मचारियों को लाभ पहुंचाकर उन्हें छोडा गया है। उन्हें इस प्रकरण में फिर से आरोपी बनाया जाएगा। अधिवक्ता अनिल जाट ने बताया कि डॉ. मनीष शर्मा, डॉ. आरबी पटेल, भगवती नर्सिंग होम तथा वहां पर कार्यरत तीनों नर्से मोनिका, अंजलि, रेणुका तथा मेडिकल से दवा विक्रेता कपिल एवं सोनोग्राफी करने वाले डॉ आकांक्षा बघेल, डॉ. विशाल बघेल, को आरोपी बनाया जाएगा। उनके खिलाफ भी प्रकरण चलाया जाएगा।  ताकि समाज में कोई भी धन और बल के सहारे से पुलिस से मिलकर कानून की गिरफ्त से बच ना सकें। संस्था के अधिवक्ता अनिल जाट ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में बलात्कार का आरोपी युवराज पटेल के द्वारा नाबालिक बलात्कार पीड़िता जो अभी भी बालिग नहीं हुई है। उससे विवाह करने के आधार पर माननीय उच्च न्यायालय से जमानत ली है। उस जमानत को भी निरस्त करवाया जाएगा एवं इस प्रकरण को अयाम संस्था द्वारा हरदा न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली तक लड़ेगी साथ ही इस अपराध में लिप्त डॉक्टरों के चिकित्सकीय लाईसेंस भी निरस्त करवाएगी।