Harda news : प्रधानमंत्री आवास योजना की आड़ में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार ! आरटीआई में खुलासा -एक अरब 9 करोड़ 40 लाख रु की राशि अपात्रों, रिश्तेदारों में बंदरबांट
– प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
मकड़ाई समाचार हरदा। नगर पालिका परिषद हरदा कांग्रेसी नेता प्रतिपक्ष एवं पार्षद अमर रोचलानी ने आरटीआई में मिली जानकारी के आधार पर प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। रोचलानी ने बिना कलेक्टर के अनुमोदन के पूर्व परिषद के अध्यक्ष पार्षद व अधिकारियों द्वारा अपात्र हितग्राहियों, पार्षद के रिश्तेदारों के नाम पर राशि दिलाने व योजना में गड़बड़ी कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने विषयक शिकायत कर जांच की मांग ज्ञापन में की है।
मिली जानकारी में, कलेक्टर कार्यालय से कुछ दूरी पर आवास योजना से दुकान निर्माण कर व्यवसायिक इस्तेमाल होने के साथ ही शहर के चौक चौराहे पर एक जगह पर एक से अधिक हितग्राहियों द्वारा आवास राशि के व्यवसायिक इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री आवास योजना के दुरुपयोग की भी जानकारी मिली है। देखना यह है कि पूर्व परिषद द्वारा 4376 हितग्राहियों में एक अरब 9 करोड़ 40 लाख रु की बांटी गई राशि मे कितने अपात्र, भूमिहीन व परिषद के रिश्तेदार शामिल हैं ! नेता प्रतिपक्ष रोचलानी का आरोपित दावा कितना दमदार है यह तो विस्तृत जांच में ही पता चलेगा।
क्या लिखा ज्ञापन में –
‘प्रधानमंत्री आवास योजना‘ एक जनहितेषी योजना है। जिसके अंतर्गत गरीबों एवं मजदूर वर्ग के नागरिकों को पक्के मकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता मिलती है। किन्तु इस योजना के नियमों को ताक पर रखकर पूर्व परिषद में जिला कलेक्टर महोदय से बगैर अनुमोदन कराये, नियम विरूद्ध तरीके से नगर पालिका हरदा के अधिकारी, अध्यक्ष एवं पार्षदों द्वारा राशि का वितरण कर अपात्र हितग्राहियों को लाभ पहुँचाया जाकर भ्रष्टाचार किया गया है। इस गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जाँच कराने के लिए नगर पालिका पार्षद/नेता प्रतिपक्ष अमर रोचलानी ने कलेक्टर महोदय हरदा को माननीय प्रधानमंत्री महोदय के नाम से आज सोमवार को ज्ञापन सौंपा।
अमर रोचलानी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पूर्व नगर पालिका परिषद हरदा के अधिकारी, अध्यक्ष एवं पार्षदों द्वारा अपने आर्थिक लाभ हेतु योजना के नियम विरूद्ध कार्य कर बिना कलेक्टर महोदय के अनुमोदन के 4376 हितग्राहियों को लगभग 1 अरब 9 करोड़ 40 लाख शासकीय रूपयों का वितरण किया गया है। जो कि नियम विरूद्ध है। यहाँ तक कि जिस हितग्राही की भूमि नहीं है उसे भी यह लाभ दिया गया है। अपात्र हितग्राहियों को भी अवैध राशि लेकर योजना का लाभ दिया गया है। इस योजना का लाभ पूर्व न0पा0 पार्षदों द्वारा भी अपने परिवार के सदस्यों एवं रिश्तेदारों के नाम पर लिया गया है। इस प्रकार इन लोगों के द्वारा पैसों के लोभ में जनहितेषी शासकीय योजना की आड़ में शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई है। जिसकी उच्च स्तरीय जाँच होना चाहिए। उपरोक्त सम्पूर्ण जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत प्राप्त हुई है।