MP Board Exam 2025: सावधान! परीक्षा में की ये गलती तो हो सकती है 10 साल की सजा
MP Board Exam 2025: दोस्तो अब कुछ ही महीनों बाद बोर्ड परीक्षा शुरू होने वाली है। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। देश के अलग अलग राज्यों के बोर्ड अपनी गाइडलाइंस और नए नियम बना रहे हैं। खासकर मध्य प्रदेश बोर्ड (MP Board) इस बार परीक्षा में अनुशासन और सख्ती को लेकर कड़े कदम उठाने वाला है। एमपी बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों में अनुचित साधनों के उपयोग को रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं।
मोबाइल पर पूरी तरह से रोक
मध्य प्रदेश बोर्ड ने फैसला किया है कि परीक्षा केंद्रों में मोबाइल फोन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। न सिर्फ छात्र बल्कि ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों को भी परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पहले के वर्षों में परीक्षा के दौरान मोबाइल के जरिए पेपर लीक होने की घटनाएं सामने आई हैं।
परीक्षा कक्ष में मोबाइल के जरिए पेपर की तस्वीरें खींचकर उन्हें वायरल करने की घटनाओं को देखते हुए इस बार एमपी बोर्ड ने कड़ा रुख अपनाया है। अगर कोई भी इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
10 साल की जेल और जुर्माना
एमपी बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई शिक्षक या छात्र मोबाइल के उपयोग या किसी अन्य अनुचित साधन का उपयोग करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 के तहत दंडित किया जाएगा। इसमें 10 साल की सजा और भारी जुर्माना शामिल है।
क्यों उठाए गए ऐसे कदम?
पिछले कुछ वर्षों में परीक्षा प्रणाली की गरिमा को बनाए रखने के लिए बोर्ड को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। परीक्षा केंद्रों से पेपर लीक होने की घटनाएं शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करती हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बोर्ड ने यह सख्त कदम उठाया है।
सख्ती का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि परीक्षा पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से आयोजित हो। बोर्ड का मानना है कि परीक्षा केंद्रों में मोबाइल की अनुमति देने से न केवल अनुचित साधनों के उपयोग की संभावना बढ़ती है, बल्कि परीक्षा के दौरान अन्य छात्रों का ध्यान भी भटकता है।
शिक्षकों के लिए विशेष नियम
परीक्षा में ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को भी इस बार खास सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने पर शिक्षकों पर भी सख्त प्रतिबंध रहेगा। अगर किसी शिक्षक ने इस नियम का उल्लंघन किया तो उसे भी 10 साल की जेल और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। यह नियम सुनिश्चित करता है कि शिक्षकों द्वारा भी किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम का आधार
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने इन नियमों को सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 के आधार पर लागू किया है। इस अधिनियम का उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना और उसमें किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधियों को रोकना है।
छात्रों और अभिभावकों के लिए संदेश
एमपी बोर्ड ने छात्रों और अभिभावकों से अपील की है कि वे परीक्षा के दौरान नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि में शामिल न हों। मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण का उपयोग करके गड़बड़ी करने की कोशिश न करें, क्योंकि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
बोर्ड परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की योग्यता का आकलन करना है। ऐसे में परीक्षा के दौरान अनुशासन बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। एमपी बोर्ड द्वारा लागू किए गए ये नए नियम छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए महत्वपूर्ण संदेश हैं। परीक्षा के दौरान नियमों का पालन करना न केवल परीक्षा की गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह सभी के हित में भी है।
इस बार बोर्ड परीक्षा में सख्ती का सामना करने के लिए जरूरी है कि हर छात्र और शिक्षक नियमों का पालन करें। कोई भी गलती उन्हें भारी पड़ सकती है। इसलिए सावधान रहें और परीक्षा को निष्पक्ष और सफल बनाने में अपना योगदान दें।
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