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MP Breking News : अवैध रुप से संचालित मदरसा, होस्टल पर कार्यवाही से क्यूं हिचक रहा प्रशासन

बाल आयोग की जांच निरीक्षण के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच प्रतिवेदन पर सख्त वैधानिक कार्यवाही के किए थे वादे मान्यता खत्म होगी अवैध संचालन रोका जायेगा।

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 शिवपुरी । मप्र बाल संरक्षण आयोग की टीम ने अवैध रुप से संचालित किए जा रहे शैक्षणिक संस्थानों पर छापामार कार्यवाही की थी। छापामार टीम ने फरवरी माह में अवैध रूप से संचालित हास्टल और मदरसा पर ने निरीक्षण किया था जिसमें इन्हे अवैध रुप से संचालित माना था। अब इसकों डेढ़ महीना बीत चुका है, लेकिन इन संस्थानों पर कार्रवाई कागजों में दफन होकर रह गई है।नया शैक्षणिक सत्र चालू हो चुका है।प्रशासन द्वारा इनकी मान्यता समाप्ति प्रोसेस की और न ही संचालन रोका जा रहा है।
ज्ञात हो कि 24 फरवरी को मप्र बाल आयोग की सदस्य डा निवेदिता शर्मा ने शिक्षा विभाग के एडीपीसी राजा बाबू आर्य, बीआरसीसी बाल कृष्ण ओझा, सहायक संचालक महेंद्र सिंह व प्रोटेक्शन आफिसर राघवेंद्र शर्मा की टीम के साथ 24 फरवरी को शिवपुरी में दो संस्थाओं पर पिन पाइंट सूचना के आधार पर छापामार कार्रवाई की।
यहां पर अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान इस बात की जानकारी दी कि बदरवास में संचालित मदरसा फैज.ए.सिद्दीकी नूर उल कुरान पूरी तरह से अवैध रूप से संचालित था। वहीं शिवपुरी में एसएनवी पब्लिक स्कूल मनीयर में संचालित हास्टल भी बिना मान्यता के संचालित किया जा रहा था। उस समय स्थिति यह बनी कि अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही मदरसा और होस्टल से बच्चों को गायब कर दिया गया था। इन संस्थाओं की जांच के लिए टीम गठित कर कार्रवाई के बड़े.बड़े दावे किए गए। अधिकारियों ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर यह बताया था कि उक्त स्कूल की मान्यता समाप्त की जाएगी। इसके अलवा अन्य वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी। आज डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत चुका है। इस मामले में कार्रवाई को लेकर अब तक बाल संरक्षण आयोग को भी काेई अधिकृत जानकारी नहीं भेजी गई है।

मेरे पास आज तक शिवपुरी से किसी भी तरह की कोई आफिशियल रिपोर्ट मदरसा अथवा स्कूल पर की गई कार्रवाई के संंबंध में नहीं आई है, जबकि बाल संरक्षण आयोग की तरफ से नोटिस तक भेजा जा चुका है। सेंट बेनेडिक्ट्स स्कूल के मामला भी मेरे संज्ञान में आया है। मैंने इस संबंध में सीडब्ल्यूसी को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए है। कार्रवाई शिक्षा विभाग को ही करनी है।

निवेदिता शर्मा, बाल संरक्षण आयोग सदस्य

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