शासकीय कार्यालय में मुख्य पदो पर आसीन लोग कार्यालय सामग्री खरीददारी विक्रेता से कमीशन की मांग अवश्य करते है।जब विक्रेता से ज्यादा मांग लिया जाता है तो वह लोकायुक्त का सहारा लेता है।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 रीवा। शासकीय कालेज में सामान खरीदी के बिल पास करने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहे प्रभारी प्राचार्य आइटीआइ करण सिंह राजपूत को लोकायुक्त पुलिस ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। कार्रवाई पूरी हो जाने के बाद प्रभारी प्राचार्य को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।
कार्यालय से किया गया गिरफ्तार
जानकारी देते हुए लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि गत दिनों शिकायतकर्ता बालेंद्र शुक्ला ने कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि कालेज में की गई खरीदी का बिल पास करने के एवज में प्रभारी प्राचार्य रिश्वत की मांग कर रहे हैं। शिकायत की जांच कराने पर शिकायत प्रमाणिक पाई गई जिसे लेकर शुक्रवार को निरीक्षक प्रमेन्द्र कुमार के नेतृत्व में 16 सदस्य टीम का गठन किया गया देर शाम प्रभारी प्राचार्य करण सिंह राजपूत को उनके कार्यालय में 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया है। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दी गई है।
सामग्री खरीदी में 15 प्रतिशत कमीशन मांगा
लोकायुक्त से मिली जानकारी के अनुसार आइटीआई प्रचार केएस राजपूत द्वारा आइटीआइ में सामग्री खरीदी का कार्य करने वाले प्रभारी बालेंद्र शुक्ला से रिश्वत की मांग की थी। बताया गया की आइटीआइ को प्रशिक्षण के लिए कच्चा माल खरीदने का अधिकार प्राप्त है। इसके लिए आइटीआइ में खरीदी विभाग और उसके लिए प्रभारी नियुक्त हैं। शिकायतकर्ता बालेंद्र शुक्ला भी खरीदी प्रभारी हैं। बताया जा रहा है कि सहायक ग्रेड 3 खरीदी प्रभारी बालेंद्र शुक्ला से प्राचार्य द्वारा बिल पास कराने के नाम पर 15 प्रतिशत कमीशन मांगा जा रहा था।