MP NEWS : सरपंच-सचिव की लापरवाही : 5 साल से श्मशान घाट बनने की राह देख रहे लोग, रास्ते पर ही जलानी पड़ती है चिता
मकड़ाई समाचार भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के दबोह के ग्राम पंचायत जाखौली के सरपंच और सचिव की अनदेखी के चलते ग्रामीणों को अपने प्रियजन की मौत होने पर उनका अंतिम संस्कार करने के लिए भी छोटा सा जमीन का टुकड़ा पाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। मुक्तिधाम अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है, तो श्मशान घाट की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। हालात ऐसे हैं कि यहां पर संस्कार के दौरान पहुंचने वालों को पीने के लिए पानी तक भी नसीब नहीं होता।
मामला सिर्फ पानी तक ही नहीं सिमटा, बल्कि श्मशान घाटों में शेड तक की व्यवस्था नहीं है। खराब मौसम में ही लोगों को शवों का संस्कार करना पड़ता है। यदि श्मशान घाट में एक साथ दो शव जलाने की स्थिति बनती है, तो ऐसे में दूसरे लोगों को पहले शव के संस्कार का इंतजार करना पड़ता है या फिर अपने अपने खेतों पर ले जाकर संस्कार करना पड़ता है। क्योंकि दो शवों को एक साथ जलाने की वहां व्यवस्था ही नहीं है। हालात ये हैं कि, जब गांव में किसी की मौत होती है , तो शव का अंतिम संस्कार करने के लिए गांव के शमशान घाट में पहुंचने का रास्ता तक नहीं हैं।
इन समस्याओं से जूझ रहा है श्मशान
ग्रामीणों का कहना है कि, मुक्तिधाम में चारों ओर कीचड़ भरी रहती है, जिससे लोगों को मजबूरन मुक्तिधाम के पास निकले आम रास्ते पर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। ग्रामीणों को अपने प्रियजन के अंतिम संस्कार में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा श्मशान घाट में पेयजल, चारदीवारी और रास्ते को लेकर समस्या बनी हुई है। बरसात में जब किसी की चिता जलती है, तो ग्रामीणों को अपने स्तर पर ही प्रयास करने पड़ते हैं।