मकड़ाई समाचार दमोह। मध्यप्रदेश में भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसे जाने का सिलसिला लगातार जारी है। आए दिन लोकायुक्त भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कर रहा है। ताजा मामला दमोह के तेंदुखेड़ा का है जहां एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए नगर पंचायत के सीएओ और अकाउंटेंट को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया है। दोनों नगर पंचायत दफ्तर में ही एक ठेकेदार से रिश्वत ले रहे थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीएमओ ने एक ठेकेदार से उसके किए हुए कामों का बिल पास करने के एवज में 13 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। जिसकी शिकायत ठेकेदार ने सागर लोकायुक्त से की थी।
1 लाख की रिश्वत लेते सीएमओ-अकाउंटेंट गिरफ्तार जानकारी के मुताबिक तेंदुखेड़ा नगर पंचायत के अंतर्गत काम करने वाले एक ठेकेदार ने सागर लोकायुक्त में शिकायत की थी नगर पंचायत के सीएमओ ओमप्रकाश पाठक उससे निर्माण कार्यों का बिल पास करने के एवज में 13 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे हैं जो कि एक लाख रुपए है। ठेकेदार ने सीएमओ से कई बार इतना कमीशन देने में असमर्थता जताई तो सीएमओ ओमप्रकाश पाठक ने उसके बिल का भुगतान अटका दिया। ठेकेदार ने बताया कि उसने कुछ महीने पहले नाली और सीसी सड़क का निर्माण किया था जिसका बिल अटका दिया गया था। सीएमओ के द्वारा लगातार रिश्वत की मांग किए जाने और बिल अटकाए जाने के बाद ठेकेदार ने सागर लोकायुक्त से मामले की शिकायत की। शिकायत की जांच की गई और सही पाए जाने पर लोकायुक्त ने जाल बिछाकर ठेकेदार को कैमेकिल लगे एक लाख रुपए के नोट सीएमओ को देने के लिए भेजा। मंगलवार को जैसे ही सीएमओ ओमप्रकाश पाठक और अकाउंटेंट जितेन्द्र श्रीवास्तव ने रिश्वत के पैसे लिए तो लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।
रिश्वत के खेल में सब इंजीनियर भी शामिल ये भी जानकारी मिली है कि रिश्वत के इस खेल में एक सब इंजीनियर भी शामिल है। जो मंगलवार को ड्यूटी पर नहीं आया था और इसलिए लोकायुक्त के हाथों से बच गया। हालांकि मामले में उसकी संलिप्तता सामने आई है जिसके कारण लोकायुक्त पुलिस ने उसे भी आरोपी बनाया है। फिलहाल सब इंजीनियर के नाम का खुलासा नहीं किया गया है और न ही उसकी गिरफ्तारी हो पाई है।