प्रयागराज महाकुम्भ मे जाने वाले श्रद्धालुओ की संख्या बड़ी 300-400 किमी वाहनों की लंबी कतारो से लगा जाम
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 मप्र। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ इस समय पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। जहा प्रतिदिन लाखो श्रद्धालु स्नान करने आ रहे है। इधर मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं का रेला कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार और शनिवार के बाद रविवार सुबह से शाम छह बजे तक हालात जस के तस बने रहे।
वाहनों और श्रद्धालुओं की संख्या इस कदर बढ़ी कि प्रयागराज से 400 किमी दूर जबलपुर और सिवनी तक वाहनों को रोक दिया गया। भोपाल से आने वाले वाहनों को भी निर्धारित शहरों के बाहर ही रोक दिया गया है। आइजी जबलपुर रेंज, अनिल सिंह कुशवाह के मुताबिक वाहनों की संख्या अत्यधिक बढ़ने से जहां के तहां वाहनों को रोका गया है।
प्रशासन जाम मे फंसे लोगो पहुंचा रहा खाद्य सामग्री
जबलपुर से शनिवार रात नौ बजे निकले वाहन रविवार शाम पांच बजे तक चाकघाट भी पार नहीं कर सके हैं। जबलपुर से 400 किमी दूर प्रयागराज तक वाहन रेंग-रेंग कर चल रहे हैं। पुलिस और प्रशासन ने वाहन सवारों के लिए नाश्ता, चाय-बिस्किट के इंतजाम किए हैं। वाहनों के पास ही सामग्री पहुंचाई जा रही है।
हाइवे पर जाम की स्तिथि बन रही
जबलपुर सिहोरा मार्ग में राष्ट्रीय राजमार्ग-30 में भी हालात भीड़ वाले देखे जा रहे हैं। गांधीग्राम के पास मोहतरा स्थित टोल नाके पर लगभग दो किलोमीटर तक चार पहिया वाहन कारों, बसों एवं अन्य यात्री वाहनों की लंबी कतार लगी है।
होटल रेस्टोरेंट मे बड़ी भीड़
महकुम्भ मे जाने वाले लोगो के वाहनों का हाईवे में लंबी कतारें लगी हुई है। वही इसी कारण हाइवे से लगे ढाबे होटल रेस्टोरेंट मे भी यात्रियों की भीड़ बड़ गई है। यहां भी वाहनों का घमासान मचा हुआ है। इसके कारण हाइवे के होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे का संचालन शनिवार को पूरी रात जारी रहा।
मप्र और प्रयागराज की सीमा पर 28 किलोमीटर का लंबा
मप्र और प्रयागराज की सीमा पर बने चाकघाट पर 28 किलोमीटर का लंबा जाम लगा हुआ है। जाम में फंसे लोगों का कहना है कि उन्होंने आठ घंटे में महज 20 किलोमीटर की ही दूरी तय की है। बमुश्किल रविवार की सुबह आठ बजे पहला जत्था प्रयागराज जिले की सीमा में प्रवेश कर पाया। यहां से भी मेला स्थल करीब 30 किलोमीटर दूर है।
कई राज्यों से आ रहे श्रद्धालु
नेशनल हाईवे पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक के भी वाहन बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इस वजह से न केवल रीवा-सतना बल्कि जबलपुर, कटनी, मैहर, नरसिंहपुर, सिवनी के पास से ही वाहनों की रवानगी नियंत्रित की जा रही है।