ब्रेकिंग
जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है - सुश्री भारती किशोरी जी हरदा : जिला स्तरीय गणित,विज्ञान,पर्यावरण एवं सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन उत्कृष्ट विद्यालय हर... कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर, सील से जमीन खरीदने बेंचने वाले खुले घूम रहे !पुलिस नही कर रही गिरफ्तार हंडिया :भारतीय जनता पार्टी के पांच मंडल और 40 बूथ अध्यक्षों का किया स्वागत।  खिरकिया: ग्रामीणों ने की सरपंच से अतिक्रमण हटाने की मांग। हरदा: कार्यालय में आने वाले नागरिकों से अच्छा व्यवहार करें और उनके कार्य समय पर करें -संभागायुक्त श्... झांसी मे थानेदार ने फरियादी को 41 मिनिट मे जड़े 31 थप्पड़ !  वीडियो वायरल हुआ जिला पुलिस अधीक्षक ने ... पुलिस चौकी पर ब्लास्ट करने वाले 3 आतंकी ऐनकाउंटर में ढेर,गुरुदास पुर मे 2 पुलिस चौकी पर किया था ब्ला... 25 दिसंबर से ठंड और बारिश का दौर शुरू, जानिए मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा असर Weather Forecast Lado Laxmi Yojana Haryana: महिलाओं के लिए हरियाणा सरकार का बड़ा तोहफा, हर महीने ₹2100 

Ram Mandir Update: राम लला की पहली तस्वीर आई सामने, इधर शंकराचार्य जी ने ट्रस्ट को लिखा पत्र

‘RAM MANDIR’ अयोध्या में भगवान श्री राम की पहली तस्वीर सोशल मिडिया पर सामने आई है। लोग इस फोटो को जमकर शेयर कर रहे है। इसी बीच ज्योतिष्पीठ के शङ्कराचार्य स्वामि श्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ महाराज ने अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महोदय को एक पत्र लिखा। पत्र में क्या लिखा है वह भी हम आपको बताएंगे। लेकिन उसके पहले हम आपको बता दे की देशभर के राम भक्तों को बस उस पल का इंतजार है जब राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और भगवान राम के दर्शन हो सकेंगे। इससे पहले 18 जनवरी को गर्भगृह में प्रतिमा को स्थापित किया जा चुका है।मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रामलला की पहली तस्वीर सामने आई है।

क्या लिखा है पत्र में

प्रति
श्री महन्त नृत्यगोपालदास जी महाराज अध्यक्ष

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या जी

आशा है आप स्वस्थ प्रसन्न होंगे ।

भगवन्नाम स्मरण पूर्वक निवेदन है कि-

- Install Android App -

बीते कल (दिनांक 17 जनवरी 2024 ईसवी) को सायं काल समाचार माध्यमों से ज्ञात हुआ कि रामलला की मूर्ति किसी

स्थान विशेष से राम मंदिर परिसर में लाई गई है और उसी की प्रतिष्ठा निर्माणाधीन मन्दिर के गर्भगृह में की जानी है। एक

ट्रक भी दिखाया गया जिसमें वह मूर्ति लाई जा रही बताया गया।

इससे यह अनुमान होता है कि नवनिर्मित श्री राम मंदिर में किसी नवीन मूर्ति की स्थापना की जाएगी जबकि, श्रीरामलला विराजमान तो पहले से ही परिसर में विराजमान है।

यहां प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि यदि नवीन मूर्ति की स्थापना की जाएगी तो श्रीरामलला विराजमान का क्या होगा ? अभी तक राम भक्त यही समझते थे कि यह नया मंदिर श्रीरामलला विराजमान के लिए बनाया जा रहा है पर अब किसी नई मूर्ति के निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठा के लिए लाये जाने पर आशंका प्रकट हो रही है कि कहीं इससे श्रीरामलला विराजमान की उपेक्षा ना हो जाए।

याद रखिए यह वहीं रामलला विराजमान हैं-

  • जो अपनी जन्मभूमि पर स्वयं ‘प्रकट’ हुए हैं जिसकी गवाही मुस्लिम चौकीदार ने भी दी है।
  • जिन्होंने जाने कितनी परिस्थितियों का वहां पर प्रकट होकर डटकर सामना किया है।
  • जिन्होंने सालों साल टेंट में रहकर धूप, वर्षा और ठंड सही है।
  • जिन्होंने न्यायालय में स्वयं का मुकदमा लड़ा और जीता है।
  • जिनके लिए भीटीनरेश राजा महताब सिंह, रानी जयराजराजकुंवर, पुरोहित पं देवीदीन पांडेय, हंसवर के राजा रणविजय सिंह, वैष्णवों की हमारी तीनों अनी के असंख्य संतों, निर्मोही अखाड़े के महन्त रघुवर दास जी, अभिराम दास जी, महन्त राजारामाचार्य जी, दिगम्बर के परमहंस रामचन्द्र दास जी, गोपालसिंह विशारद जी, हिन्दू महासभा, तिवारी जी, निर्वाणी के महन्त धर्मदास जी, कोठारी बंधु शरद जी और राम जी तथा शंकराचार्यों और संन्यासी अखाड़ों आदि सहित लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया और जीवन समर्पित किया है।
  • हमारे अधिवक्ताओं ने प्रस्तुत मुकदमें में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में गुलाब चन्द्र शास्त्री के पुराने हिन्दू ला के पुराने संस्करण में उद्धृत शास्त्र वचनों का उल्लेख करते हुये यह तर्क दिया था कि स्वयंभू अथवा सिद्ध पुरुषों द्वारा स्थापित/पूजित विग्रह जिस स्थान पर पूजित होते रहे होंगे वहाँ से उन्हें हटाया/ प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता। इसी आलोक में यह निर्णय आया है कि रामलला जहाँ विराजमान हैं, वहीं विराजमान रहेंगे।