मोक्षदा एकादशी पर मिला मोक्ष : संत श्री सियाराम बाबा लगभग 120 वर्ष की उम्र में आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में हुए ब्रह्मलीन, भक्तों में शोक की लहर
खरगोन: मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के संत, नर्मदा जी के अनन्य भक्त जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम नाम के साथ गुजारा।
नर्मदा जी के पावन तट, ग्राम तेली भट्टयाण पर अखंड साधना करने वाले और अपने संपूर्ण जीवन को भगवान श्रीराम के चरणों में अर्पित करने वाले महान संत श्री सियाराम बाबा जी का आज प्रातः 6 बजे देवलोक गमन हो गया।
बाबा जी ने जीवन पर्यंत नर्मदा जी के किनारे अपनी कुटिया में रामायण जी का पाठ करते हुए समाज को धर्म, भक्ति और सदाचार का संदेश दिया। उनकी साधना, तपस्या और प्रभु के प्रति समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। उनके द्वारा नागलवाड़ी में मंदिर निर्माण में ढाई करोड़ रुपए दान दिए गए थे। बाबा दक्षिणा में मात्र दस रुपए लेते थे और दानदाता का नाम अपनी डायरी में लिखते थे।
उनका पूरा जीवन मानवता, धर्म और नर्मदा मैया की सेवा में समर्पित रहा। उनकी उपस्थिति मात्र से लोगों को आत्मिक शांति और मार्गदर्शन मिलता था। उनका आशीर्वाद और उपदेश समाज को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।
उनके देवलोक गमन से समाज और धर्म जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके निधन की खबर लगते ही। पूरे मध्यप्रदेश सहित देशभर में शोक की लहर फैल गई। प्रदेश के मुखिया मोहन यादव सहित मंत्री मंडल सहित विपक्ष के नेताओं ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है।