मध्य प्रदेश में टीबी मरीजों को पोषण भत्ता में बड़ी राहत, अब मिलेंगे 1000 रुपये प्रति माह
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के टीबी (तपेदिक) मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उनके पोषण भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा की है। पहले टीबी मरीजों को हर महीने 500 रुपये दिए जाते थे, लेकिन अब यह राशि बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति माह कर दी गई है। यह निर्णय 1 नवंबर से लागू किया गया है और इसका उद्देश्य टीबी मरीजों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराना है, ताकि उनकी सेहत में सुधार हो सके और टीबी के मामलों में कमी लाई जा सके।
टीबी मरीजों की स्थिति और पोषण भत्ते का महत्व
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्टों में यह देखा गया है कि टीबी मरीजों की संख्या बढ़ रही है और कई मरीज इलाज के दौरान भी उचित पोषण न मिलने के कारण कमज़ोर हो रहे हैं। टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जिसमें मरीज के शरीर को मजबूत और पोषित रखने की आवश्यकता होती है। हालांकि, आर्थिक तंगी के चलते कई मरीज अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे पाते, जिससे उनकी सेहत में कोई खास सुधार नहीं होता। सरकार ने इस पहल के माध्यम से मरीजों की स्थिति में बदलाव लाने का प्रयास किया है, ताकि उन्हें जरूरी पोषण प्राप्त हो सके और उनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सके।
मध्य प्रदेश में टीबी के आंकड़े
राज्य में टीबी से प्रभावित लोगों में पुरुषों का अनुपात अधिक है। रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य के कुल टीबी मरीजों में से 70 प्रतिशत पुरुष हैं। विशेषकर नर्मदापुरम के इटारसी, सुखतवा और पिपरिया इलाकों में टीबी के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। इस वर्ष अब तक 31 टीबी मरीजों की मृत्यु हो चुकी है, जो चिंता का विषय है। यह स्थिति सरकार के लिए चुनौती बनी हुई है और इसी वजह से मरीजों के पोषण पर अधिक ध्यान देने का निर्णय लिया गया है।
नए भत्ते के तहत मरीजों को हर साल मिलेंगे 6 हजार रुपये अतिरिक्त
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि बढ़ी हुई राशि मरीजों को हर तीन महीने में एक बार दी जाएगी। इसका मतलब है कि मरीजों को हर तीन महीने में 3000 रुपये एक साथ मिलेंगे। इस तरह, साल भर में हर मरीज को कुल 6 हजार रुपये का अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा। यह नया भत्ता न केवल नए मरीजों बल्कि उन मरीजों को भी मिलेगा जो पहले से ही टीबी का इलाज करा रहे हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस अतिरिक्त आर्थिक सहायता से मरीजों को बेहतर पोषण मिल सकेगा और उनकी बीमारी के खिलाफ लड़ने की क्षमता में इज़ाफ़ा होगा।
पोषण और नियमित इलाज से ही टीबी पर लगेगा अंकुश
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, टीबी के मरीजों का इलाज तभी सफल हो सकता है जब उन्हें सही समय पर दवाइयों के साथ-साथ संतुलित और पोषक आहार भी मिले। राज्य सरकार का मानना है कि इस भत्ते के माध्यम से मरीज अपने आहार में सुधार कर सकेंगे, जिससे उनकी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मरीजों के लिए पोषण भत्ता बढ़ाने का यह फैसला इस दिशा में एक प्रभावी कदम है। इसका उद्देश्य मरीजों को पोषण की कमी से बचाना और उन्हें संपूर्ण उपचार प्राप्त करने में सहायता करना है।
सरकार की आगे की योजना और उम्मीदें
मध्य प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत टीबी मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की निगरानी और देखभाल के लिए विशेष दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से टीबी मरीजों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आएगी और मृत्यु दर भी घटेगी। राज्य सरकार का यह निर्णय टीबी मरीजों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा साबित हो सकता है।
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