हंडिया।चैत्र मास की शनिचरी अमावस्या के अवसर पर पुण्य सलिला मां नर्मदा में हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान किया।सूर्य देव की पहली किरण के साथ ही मां नर्मदा के पवित्र तटों पर श्रद्धालुओं द्वारा स्नान का सिलसिला शुरू हो गया था।जो देर शाम तक जारी रहा।शनिवार को अमावस्या होने से स्नान का महत्व और अधिक बढ़ गया।इस दौरान नेमावर और हंडिया में मां नर्मदा के तटों पर बड़ी संख्या में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने स्नान-ध्यान व मां नर्मदा का पूजन-अर्चन कर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया और दरिद्र-नारायणों व परिक्रमा वासियों को अन्न वस्त्र दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।साथ ही नवरात्र पर्व के लिए मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर घरों को रवाना हुए।
चैत्र और क्वांर की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। मान्यता है कि जिस पर भी बुरी आत्माओं का साया होता है।अगर वह व्यक्ति भूतड़ी अमावस्या पर मां नर्मदा में डुबकी लगा लेता है तो उसपर से सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं।यही वजह रही कि कुछ श्रद्धालु भूतड़ी अमावस्या पर भूत प्रेत का साया मानते हुए भारी तादाद में मां नर्मदा में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे।
सुरक्षा के लिए पुलिस और होमगार्ड के जवान रहे तैनात,,,,,
अमावस्या पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के मद्देनजर पर्व पर वाहनों की आवाजाही के चलते पुलिस की व्यवस्था पहले से बेहतर नजर आई।सुरक्षा में पुलिसकर्मियों के अलावा नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों ने भी घाटों सहित अन्य स्थानों पर व्यवस्थाएं संभालने में महती भूमिका निभाई। लेकिन स्नान के दौरान रिद्धनाथ घाट पर जो श्रद्धालु मां नर्मदा में नारियल प्रवाहित कर रहे थे।उन नारियलों को पकड़ने वाले नाविक नाव लेकर स्नानार्थियों के इर्द-गिर्द मंडराकर श्रद्धालुओं को परेशान कर रहे थे।
जब कुछ श्रद्धालुओ़ ने इसका विरोध किया और कहा कि हमें हमारे नारियल और पूजन सामग्री माई में प्रवाहित करने दो उसके बाद आप उसे पकड़ लेना तो ये लोग श्रद्धालुओं से बहस करने लगे।इस प्रकार श्रद्धालुओं को परेशान करने वाले इन लोगों पर जिम्मेदारों को विशेष ध्यान देना चाहिए?ताकि श्रद्धालु शांति पूर्वक स्नानादि धर्म कर्म कर सकें।इतना ही नहीं घाटों पर हमेशा की तरह विचरण करने वाली गौवंशो से भी श्रद्धालुओं को खासा परेशान होना पड़ा।