ब्रेकिंग
गुरु पूर्णिमा हमारे अज्ञान को दूर करने वाले शिक्षकों के सम्मान में मनाई जाती है।- ज्योतिष गुरू पंडित... घोर कलयुग : मां के साथ बेटे ने की धोखाधड़ी, खाते से निकाले 5 लाख रुपए , मां की शिकायत पर थाने में बे... Live today: नर्मदा नदी उफान पर मां नर्मदा का रौद्र रूप देखे। हंडिया और नेमावर घाट से लापरवाही अनदेखी : प्रशासन पर भारी ठेकेदार नर्मदा नदी में बाढ़ के बाद भी ठेकेदार चला रहा है नाव, हो स... नर्मदा नदी : एसडीएम परिहार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया ! पटवारी सचिव और कोटवार को सतत ... आज भारत बंद है: देश भर मे 9 जुलाई बुधवार को बैंकिंग, इंश्योरेंस, डाक सेवा, कोयला खनन और निर्माण क्षे... बोवनी खराब होने पर मिलती है फसल बीमा राशि Aaj ka rashifal: आज दिनांक 9 जुलाई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे घोर कलयुग ! जमीन के टुकड़े के लिए भाई भाई का बना दुश्मन, रिटायर्ड आईएएस भाई पर जमीन हड़पने का लगा आर... सिवनी मालवा: बारिश ने खोली नगरपालिका की पोल, नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहा ! सड़कों पर फैला पान...

Varanasi News : ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर हाईकोर्ट में आज फिर होगी सुनवाई,

ज्ञानवापी सर्वे पर HC में आज  सुनवाई

Makdai Express 24 वाराणसी | जिला जज के द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर  ASI सर्वे की अनुमति दी थी। सोमवार सुबह ASI की 32 सदस्यी टीम ने सर्वे शुरू भी किया था पर उसी दिन 5 घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्वे पर बुधवार तक रोक लगा दी थी। इसके बाद मुस्लिम पक्ष की याचिका पर कल हाईकोर्ट ने इस रोक को एक दिन और बढ़ा दिया है।

- Install Android App -

ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी वाद में वादी महिलाओं ने ज्ञानवापी परिसर साइंटिफिक सर्वे ASI के द्वारा करवाने की मांग की थी। इस पर फैसला देते हुए बीते शुक्रवार को कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सांटिफिक सर्वे के आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को आदेश दिया था। सोमवार सुबह 7 बजे से यह सर्वे शुरु हुआ था पर मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम 5 बजे तक इस पर रो लगा दी थी। कल इसपर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जहां ASI के एडिशनल डायरेक्टर ने हलफनामा दिया और कहा कि बिना नुकसान के सर्वे होगा, इसपर आज मुस्लिम पक्ष आपत्ति दायर करेगा।

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने जताई आपत्ति

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि 1992 में बाबरी विध्वंस के अनुभवों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकत्या है। इस संवेदनशील मामले में जल्दबाजी में कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिये। जब काशी विश्वनाथ ट्रस्ट और अंजुमन इंतेजामिया के बीच कोई विवाद ही नहीं है तो महिलाओं का वाद डालने का कोई विधिक अधिकार ही नहीं बनता। ASI को इस मामले में पक्षकार भी नहीं बनाया गया है। ऐसे में उसकी सर्वेक्षण को लेकर सक्रियता संदेह पैदा करने वाली है। यदि सर्वे से मस्जिद को नुकसान पहुंचा तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।