नर्मदा किनारे चल रहे अवैध ईट भट्टा संचालकों के खिलाफ ग्रामीण हुए एकजुट, बोले अब गांव में नहीं लगने देगे ईट भट्टा: अवैध भट्टा संचालकों ने अवैध मिट्टी की खुदाई की और पर्यावरण को पहुंचाया नुकसान, खनिज राजस्व विभाग के लोग भी पहुंचे गांव! थाने पहुंचा मामला
हंडिया: मां नर्मदा के किनारे ईंट भट्ठों का कारोबार बेखौफ प्रशासन का जरा सा भी भय नहीं, NGT के आदेशों की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां, हंडिया तहसीलदार बोले परमिशन नहीं दी।, खनिज विभाग अधिकारी बोले तहसीलदार देते है। परमिशन! उक्त शीर्षक से मकड़ाई एक्सप्रेस ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
के बाद अब ग्रामीणों ने भी आवाज बुलंद कर दी और गांव में चल रहे अवैध ईंट भट्टा संचालकों को हटाने के लिए मोर्चा खोल दिया।
बीते कल खनिज विभाग की टीम भी गांव पहुंची। उन्होंने मौका मुआयना किया।
ओर ग्राम पंचायत मांगरुल में बैठक में भी शामिल हुए।
ग्राम पंचायत ने ईट भट्टा संचालकों और ग्रामीणों की उपस्थिति ने ग्राम पंचायत में सिर्फ वर्ष 2025 26 तक ईट भट्टा संचालकों को समय सीमा दी है। प्रस्ताव लिया। वो भी नियमानुसार अनुमति लेने के बाद। इधर ग्रामीणों ने इस बात का विरोध किया। ओर ईट भट्टे बंद करवाने ओर खनिज विभाग से जांच कर कार्यवाही की मांग की। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ओर ईट भट्टा संचालकों का विवाद भी हुआ। जो कि हंडिया पुलिस तक पहुंचा है। दोनों पक्षों ने थाने में लिखित शिकायत भी की है।
इधर ईट भट्टा संचालकों ने नियमों का कोई पालन नहीं किया और नहीं किसी भी विभाग से अनुमति प्राप्त की है। वही दूसरी ओर शासन प्रशासन को नुकसान पहुंचाते हुए। कृषि भूमि पर व्यवसायिक उपयोग करते हुए शासन को लाखो का चूना लगाया है ।
देखना होगा कि अब खनिज विभाग राजस्व विभाग, विद्युत विभाग ओर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ये चार विभाग क्या कार्यवाही करते है।
हरे भरे पेड़ो को पहुंचाया नुकसान, मुख्य सड़क के किनारे कर दी अवैध खुदाई और विद्युत विभाग के पोल हवा में लटक रहे इस प्रकार शासन प्रशासन को नुकसान पहुंचाया गया।
देखना होगा कि विभाग इन अवैध ईट भट्टा संचालकों पर क्या कार्यवाही करता है