अग्निवीर की मौत, पार्थिव शरीर आर्मी वाहन के बजाए प्राइवेट एंबुलेंस से पैतृक गांव भिजवाया, नही दी शहीदों जैसी सलामी,
दिल्ली। अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया के तहत वर्ष 2022 में सेना में भर्ती हुए पंजाब के अमृतपाल सिंह को कश्मीर में गोली लग गई थी। गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन बचाया नहीं जा सका।
आरोप है कि बाद में सेना ने अग्निवीर को शहादत के सम्मान से भी वंचित कर दिया है। जिसको लेकर कई दिग्गजों ने नई सेना भर्ती योजना को निशाना बनाया। इस बीच आर्मी ने स्थिति स्पष्ट की है।
दरअसल, अमृतपाल सिंह को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई भी नहीं दी गई। उनका पार्थिव शरीर आर्मी वाहन के बजाए प्राइवेट एंबुलेंस से उनके पैतृत आवास पर लाया गया। सेना पर शहीदों के अपमान के आरोप भी लगे।
ऐसे में भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर ये बताया है कि अग्निवीर अमृतपाल की मौत कैसे हुई और उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई क्यों नहीं दी गई।
सैन्य प्रक्रिया के तहत अंतिम संस्कार क्यों नहीं।
सेना ने इसको लेकर एक्स पर एक पोस्ट लिखा, जिसमें कहा गया, “अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्टूबर 23 को मृत्यु एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। अमृतपाल की मौत राजौरी सेक्टर में ड्यूटी के दौरान खुद को लगी गोली लगी थी। जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पार्थिव शरीर जूनियर कमीशंड अधिकारी के साथ चार अन्य रैंक के लोगों के साथ एक सिविल एम्बुलेंस से घर पहुंचाया गया। अंतिम संस्कार में उनके साथ सेना के जवान भी शामिल हुए। चूंकी मौत का कारण खुद से लगी चोट थी। ऐसे में वर्तमान नीति के मुताबिक अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें कोई गार्ड ऑफ ऑनर या सैन्य अंतिम संस्कार की प्रक्रिया नहीं की गई। भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है।”