ब्रेकिंग
बानापुरा में बाबा खाटू श्याम के भजनों पर झूमे श्रद्धालु , हजारों श्याम प्रेमियों को बाबा का श्याम क... हरदा: स्वरोजगार योजनाओं में लक्ष्य अनुसार प्रकरण स्वीकृत कराएं   कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में दिए न... खिरकिया: सर्व सेन समाज के ब्लॉक अध्यक्ष राजेश वर्मा नियुक्त  हरदा: प्रायवेट डॉक्टर्स को जिला प्रशासन हर संभव सहयोग करेगा खेती किसानी: महाविद्यालय में निर्मित जैविक केंचुआ खाद का निरामया ब्रांड नाम से लॉन्च हरदा नगर पालिका: भ्रष्टाचार का अड्डा, ईओडब्ल्यू तक पहुंचा मामला जांच शुरू , सीएमओ की कार्यप्रणाली पर... हरदा: खंडवा नर्मदापुरम जिले के 8 बदमाश रात के अंधेरे में बना रहे थे डकैती की योजना, मुखबिर की सूचना ... हरदा: PWD एसडीओ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सरपंच संघ, सचिव संघ और जयश का प्रदर्शन। देखे वीडियो PM Kisan Yojana Applying Process: पीएम किसान योजना में नए आवेदन हुए शुरू, ऐसे करे फार्म जमा मिलेंगे ... प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना: युवाओं के लिए टॉप कंपनियों में नौकरी करने का मौका यहां जाने जरूरी पात्...

अतिथि है, पर रोज बच्चों को पहाड़ से लेकर पहुंचती है अपने स्कूल

ब्रजभूषण दसोदी वड़वानी  /आज के समय शासकीय शिक्षको को लेकर समाज में बड़ी नकारात्मक खबर चलती है। ऐसा नहीं कि सभी शिक्षक ऐसे हो, पर गेहूॅ के साथ धुन तो पिसता ही है। ऐसे में यदि कोई जिले के सबसे दुर्गम क्षेत्र में पहाड़ों के बीच से उतर कर बच्चों (विद्यार्थियों) के साथ पैदल चलकर 3 किलोमीटर दूर अपने स्कूल पहुंचे और पढ़ाई करवाये, कक्षा हर समय भरी हो, तो उसे आप क्या कहेंगे । और यदि यह महिला शिक्षिका हो उस पर अतिथि शिक्षिका, तो फिर आपका शिक्षको के प्रति नकारात्मक सोच अवश्य बदल जायेगा ।
यदि आप सेमलेट जा रहे है, और 10.30 बजे के लगभग आपकी गाड़ी गोलगाॅव क्रास कर रही है तो मार्ग पर एक अतिथि शिक्षिका 6 – 7 बच्चों के पीछे-पीछे चलते हुये दिख जायेगी। यह है श्रीमती सीमा सस्ते जो पहाड़ के उपर रहती है और अपने फल्या के 6-7 बच्चों को लेकर 10 बजे पहाड़ से उतरना प्रारंभ कर, लगभग 3 किलोमीटर सड़क पर चलते हुये अपने स्कूल प्राथमिक विद्यालय पहुंचती है। और शाम को पुनः इसी प्रकार बच्चों को लेकर पहाड़ चढ़ती है।
शिक्षिका की इस नियमितता और कर्तव्य परायणता के कारण उनकी कक्षा में हमेशा विद्यार्थियो की संख्या शत-प्रतिशत के लगभग होती है। कक्षा की हालत उतनी अच्छी तो नही (शहरों के समान साधन सम्पन्न) किन्तु विद्यार्थियों की हालत (साफ-सफाई और शैक्षणिक योग्यता) शहरों के स्कूलों से बेहतर नहीं तो कम भी नही है।
श्रीमती सीमा सस्ते की इस कर्तव्य निष्ठा से अभिभूत कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा ने 26 जनवरी के राष्ट्रीय पर्व पर इस शिक्षिका को मुख्य अतिथि के हाथों सम्मानित कराकर इसे शिक्षकों के लिए आईकाॅन घोषित किया है। वही सुशासन दिवस पर जिला अधिकारियों ने इस शिक्षिका के स्कूल में पहुंचकर पुनः उनका सम्मान करते हुए उनकी संस्था के विद्यार्थियों को उपहार स्वरूप स्कूली बेग देकर विद्यार्थियों एवं शिक्षिकों को प्रोत्साहित किया है। जिससे जिले के अन्य शिक्षक भी इससे प्रेरणा लेते हुए इसी प्रकार अपने पदीन दायित्वों का निर्वहन करने की ओर अग्रसर हो सके।