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अनंत चतुर्दशी पर ही क्यों विसर्जित होते हैं गणपति बप्पा, जानें क्या है कारण

Anant Chaturdashi 2022 : हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा का विसर्जन होता है। हालांकि अनंत चतुर्दशी के दिन ही विनायक का विसर्जन क्यों किया जाता है। क्या यह आप जानते है। आइए अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन के पीछे की कहानी जानते हैं।

अनंत चतुर्दशी पर पूजा और शुभ मुहूर्त

– अनंत चतुर्दशी तिथि आरंभ- 8 सितंबर 2022, रात 9.02 बजे से

– अनंत चतुर्दशी तिथि समाप्त- 9 सितंबर 2022, शाम 6.07 से शाम 7.00 बजे तक

पूजा का समय

– सुबह 6.10 बजे से शाम 6.07 बजे तक (9 सितंबर 2022)

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– पूजा की अवधि – 11 घंटे 58 मिनट

अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन का कारण

पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि वेदव्यास जब तक इस दृश्य को आत्मसात कर लेते, तब तक वे पूरे महाभारत को नहीं लिख सकते थे। फिर उन्होंने भगवान गणेश से महाभारत लिखने को कहा। एकदंत ने लगातार 10 दिनों तक महाभारत की कहानी लिखी।

महाभारत का पूरा पाठ करने के बाद जब वेदव्यास ने अपनी आंखें खोली तो गणेशजी के शरीर का तापमान बहुत अधिक देखा। दस दिनों तक एक ही स्थान बैठकर लगातार लिखने से तापमान में वृद्धि हुई। उसके बाद शरीर के तापमान को कम करने के लिए गणपति के शरीर को ठंडा रखने के लिए मिट्टी से ढक दिया। इसके बाद उन्होंने सरोवर में डुबकी लगाई।

मान्यताओं के अनुसार जिस दिन भगवान गणेश ने महाभारत लिखना शुरू किया था। वह भाद्रपद के महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी थी। जिस दिन महाभारत की रचना पूरी हुई, वह दिन अनंत चतुर्दशी था। तब से गणेश चतुर्थी की स्थापना की जाती है। दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी को विसर्जन किया जाता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’