प्रेमिका को अन्य किसी युवक से बात करने पर नाराज युवक ने दिनदहाडे़ प्रेमिका के सीने पर पेचकस से 34 बार, पीठ की ओर 16 बार और बगल में एक बार वार कर उसकी निर्मम हत्या कर फरार हो गया है।पुलिस उसकी खोज कर रही हैं।
मकड़ाई समाचार छत्तीसगढ़। ईसाई समुदाय की युवती की दिनदहाड़े पेचकस से गोद कर निर्मम हत्या हो जाने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। मामले की जांच के लिए पुलिस की अलग- अलग टीमें बनाई गई है। संदेही शाहबाज खान की तलाश सरगर्मी से कर रही। उसका मोबाइल बंद बता रहा। पुलिस ने मोबाइल का डिटेल खंगाला तो कुछ चेटिंग सामने आई है। आपस में दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसकी जानकारी पुलिस अभी नहीं दे रही। चैंटिंग से यह बात भी सामने आई है कि नीलकुसुम किसी अन्य युवक से बात करती थी। यह बात शाहबाज को नागवार गुजर रहा था और उसने युवती को जान से मार देने की धमकी भी दी थी। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पंप हाउस कालोनी में शनिवार को उस वक्त सनसनी फैल गई, जब यहां के आवास क्रमांक एम-271 में रहने वाले बुधराम पन्नाा की 20 वर्षीय पुत्री नीलकुसुम पन्ना की दिनदहाड़े पेचकस से गोद कर हत्या कर दी गई। घटना के वक्त बुधराम व उसकी पत्नी फूलजेना काम पर गए हुए थे। भाई किसी काम से अपने स्वजन के पास दादरखुर्द गया था। सुबह 8.30 से 12.30 बजे के बीच यह वारदात हुई। शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रारंभिक रूप से अधिक खून बहने के कारण नीलकुसुम की मौत की बात सामने आई है। उसके सीने पर पेचकस से 34 बार, पीठ की ओर 16 बार और बगल में एक बार वार किया गया था। हृदय व फेफड़ा के पास ही सात से आठ जख्म मिले हैं, इसमें ज्यादातर जख्म एक इंच गहरे हैं।
दोपहर करीब 12.30 बजे नीलेश घर लौटा और दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस पर वह घर के पीछे वाले हिस्से से भीतर पहुंचा तो देखा कि कमरे में जमीन पर नीलकुसुम की लाश पड़ी है। आसपास काफी मात्रा में खून फैला हुआ था। लाश के मुंह पर तकिया रखा हुथा, जिससे आशंका जताई जा रही है कि उसकी चीख कोई सुन न सके, इसलिए आरोपित ने ऐसा किया होगा। घटनास्थल से फ्लाइट की दो दिन पुरानी गुजरात की टिकट मिली है, जो शाहबाज खान नाम से है। इस मामले में मृतका के स्वजन ने बताया कि शहबाज तीन साल पहले जशपुर से कोरबा के बीच चलने वाली यात्री बस का कंडक्टर था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि संदेही की तलाश सरगर्मी से की जा रही। इसके लिए अलग- अलग टीम बनाए गए हैं। साइबर सेल से भी मदद ली जा रही। संदेही ज्यादातर नीलकुसुम से वाट्सअप काल पर बात किया करता था। उसका मोबाइल नंबर भी स्वीच आफ है, इस वजह से लोकेशन नहीं मिल पा रहा।