इस्लामाबाद। टिड्डियों ने भारत और पाकिस्तान के कई राज्यों पर कहर बरपा रखा है। भारत में भी गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश के अलावा कई राज्य हैं जो इससे प्रभावित हैं। इस बीच अब पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन टिड्डियों का आतंक गहर सकता है। डर जताया जा रहा है कि पाकिस्तान में किसी एक राज्य नहीं बल्कि पूरे देश में इन टिड्डियों के हमले का खतरा मंडराने लगा है। यह दावा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने किया है।
पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगर टिड्डियों के प्रजनन पर रोक नहीं लगाई गई तो पूरे देश पर इनके हमले का खतरा है। माना जा रहा है कि तीन लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र टिड्डियों के निशाने पर है। इसमें से साठ फीसद क्षेत्र बलूचिस्तान प्रांत में पड़ता है जबकि 25 फीसद सिंध में और 15 फीसद पंजाब के चोलिस्तान क्षेत्र में पड़ता है।
शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक बलूचिस्तान एक ऐसे इलाके में पड़ता है, जिसे टिड्डियों के स्प्रिंग ब्रीडिंग जोन (वसंत प्रजनन क्षेत्र) के तौर पर जाना जाता है जबकि पंजाब और सिंध में गर्मियों के दौरान टिड्डियों का प्रजनन तेजी से होता है। दरअसल, यह रिपोर्ट प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद द्वारा 19 मई को टिड्डियों के हमले के दौरान खाद्य सुरक्षा की स्थिति के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में दाखिल की गई है। वह कोरोना महामारी के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के मामले की सुनवाई कर रहे थे।
अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने आशंका जताई कि पाकिस्तान को ना केवल चिकित्सकीय आपातकाल का सामना करना पड़ सकता है बल्कि खाद्य संकट से भी जूझना पड़ सकता है। पंजाब सरकार ने टिड्डियों के ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्रों में अधिकतम संसाधनों की तैनाती की आवश्यकता जताई। बता दें कि टिड्डियां दुनिया का 10 फीसद अनाज नष्ट कर देती हैं। टिड्डियों का एक झुंड एक वर्ग किलोमीटर में पैदा हुए खाद्यान्न को एक दिन में चट कर जाता है। यह खाद्यान्न लगभग 35,000 लोगों के लिए पर्याप्त होता है।