मकड़़ाई समाचार भोपाल| एक आईएएस अफसर ने सोशल मीडिया पर बड़ा खुलासा किया है, जिसे जानकर आपकी भी आंखें खुल जाएंगी, उन्होंने ईसाई धर्म में घोटालों को उजागर कर समाज के लोगों को अलर्ट किया है| सामाजिक संस्थाएं बर्बाद होने से बच जाएं और समाज को भी एक नई दिशा मिले।
मध्यप्रदेश की आईएएस अफसर शैलबाला मार्टिन ने सोशल मीडिया पर ईसाई धर्म के नाम पर धंधा करने वाले, राजनीति, षडयंत्र करने वाले और समाज का हित बताते हुए अपनी दुकानें चलाने वालों की पोल खोलते हुए पाइंट-टू-पाइंट कई खुलासे किए हैं, जिन्हें जानकर आपकी भी आंखें खुल जाएंगी,
आईएएस अफसर शैलबाला मार्टिन ने लिखा………………
जागो ईसाइयो कहीं देर ना हो जाए,धर्म के नाम पर धंधा करने वालों को पहचानो !
-आज मसीही (प्रोटेस्टेंट ईसाई) समाज के कई पहरुए (उच्च पदासीन धर्मगुरु) उन फरीसियों की तरह हो गए हैं जिन्होंने परमेश्वर के मंदिर में व्यापार कर के उसे डाकुओं की खोह बना दिया था।
वही खरीद फरोख्त, षडयंत्र, राजनीति आज चर्चों में हावी हो चुकी है। समाज की संस्थाएं घिनौने षडयंत्रों से गुलजार हो रही हैं।
-प्रभु परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के नाम पर कुछ लोग अपनी अपनी दुकानें चला रहे हैं। इनके लिये धर्म धंधे का माध्यम मात्र बन गया है। सफ़ेद चोगा पहन कर ज़मीनों की खरीद फ़रोख़्त में आकंठ डूबे ये ‘धर्माध्यक्ष’ वास्तव में धर्म को लज्जित करने में लगे हैं।
अभी इनमें से चंद रंगे सियार ही क़ानून के शिकंजे में आये हैं लेकिन कई अभी खुले घूम रहे हैं। ईसाई समाज के नाम पर चांदी काट रहे इन धंधेबाज धर्म प्रचारकों को समय रहते पहचानिये और आगे आइए वर्ना ये लोग समाज और समाज की संपत्तियों को घुन की तरह चाट जाएंगे।
आपको याद होगा कि अखबारों में गत दिनों छपी खबरों के अनुसार ईसाई समाज के पूर्व बिशप पी सी सिंह के आवास, दफ्तर, नागपुर स्थित सी एन आई के दफ्तर, और उनके एक सहयोगी के निवास पर ई डी की टीम द्वारा छापा मारा गया है।यह छापा पूर्व बिशप जो सीएनआई के मॉडरेटर भी थे, के द्वारा की गई धोखाधड़ी, आर्थिक अनियमितताओं, गैर कानूनी रूप से विदेशी मुद्रा रखने, समाज की संस्थाओं की ज़मीन की हेराफेरी, आदि मामलों में डाला गया है। देश में ईसाई समाज के किसी धर्मगुरु(?) के विरुद्ध होने वाली यह अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है जिसके कारण समाज का सिर शर्म से झुक गया है।
पी सी सिंह के विरुद्ध कार्यवाही क्यों हुई
जबलपुर धर्म प्रांत के भूतपूर्व धर्माध्यक्ष (बिशप) पी सी सिंह द्वारा समाज की शैक्षणिक संस्थाओं को फीस के रूप में प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं के संचालन और स्वलाभ के लिए करने की शिकायतें सरकार को मिल रहीं थीं। सप्रमाण शिकायतों पर 8 सितंबर, 2022 को जबलपुर स्थित उनके आवास पर मध्य प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा छापा मारा गया था। छापे में 1.65 करोड़ रुपए नकद भारतीय मुद्रा तथा 18000 डॉलर बरामद हुए थे। इतना ही नहीं 48 बैंक खातों और 8 कारों के इनके पास होने की भी जानकारी ई ओ डबल्यू को मिली थी। जांच में पाया गया कि चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के शिक्षा बोर्ड (बोर्ड ऑफ एजुकेशन, चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया, जबलपुर) का नाम भी इनके द्वारा बदल दिया गया और ये स्वयं इसके अध्यक्ष बन गए।
इस घटना के साथ ही प्रदेश के विभिन्न चर्चों और संस्थाओं से संबद्ध ज़मीनों की हेरा फेरी की जाने संबंधी खबरें भी आने लगीं। समाज की ज़मीनों की अवैध खरीदी बिक्री के असंख्य प्रकरण देश के अलग अलग न्यायालयों में विचाराधीन हैं ही। ईसाई धर्मगुरुओं और संपदा प्रबंधकों के भू माफियाओं के साथ गठबंधन की खबरें भी आती रहती हैं।
ईसाई समाज द्वारा संपत्तियों का अर्जन
-भारतवर्ष में अंग्रेज़ों के आने के साथ ही यह समाज मानवता की सेवा के लिए अस्पताल, शिक्षण संस्थाओं, अनाथालयों, वृद्धाश्रमों, कुष्ठालयों आदि के संचालन में रत रहा है। इन संस्थाओं के संचालन हेतु सबसे पहले ईसाई मिशनरियों को ब्रिटिश शासनकाल में सरकार की तरफ से लीज पर जमीनें दी गईं।
-यह क्रम आजादी के बाद भी चलता रहा। इनका उद्देश्य आज़ादी के बाद देश में शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण था। आजादी के कई वर्षों बाद भी देश में मिशनरी इन संस्थाओं का संचालन अपनी देख रेख में करते रहे।
सामाजिक उद्देश्य के लिए उपयोग में लाई जाने वाली इन जमीनों और संस्थाओं की विभिन्न प्रकार से हेरा फेरी करने में संलिप्त हो गए हैं।इन धर्म गुरुओं के अलावा कई ऐसे लोग भी हैं जिनके द्वारा फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी अपने पक्ष में तैयार कर अवैध सौदे किए जा रहे हैं।
हेरा फेरी का तरीका
-फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए कई तरीके ईजाद कर लिए गए हैं। एक तो सीधा सीधा जमीन का सौदा। अगर शिक्षण संस्था अथवा चिकित्सालय है तो उसके सुचारू संचालन अथवा रेनोवेशन के नाम पर तीसरे पक्ष से अनुबंध कर एक मोटी राशि व्यक्तिगत तौर पर एकमुश्त अथवा नियमित रूप से प्राप्त करना। संस्थाओं के खुले मैदानों, भवनों को विवाह समारोहों, कोचिंग सेंटर, ऑफिस के संचालन हेतु व अन्य आयोजनों के लिए किराए पर देना और उस किराए की राशि में तरह तरह से घपले करना।
-सबसे पसंदीदा तरीका किसी भू माफिया को अचल संपत्ति का केयर टेकर बना कर उसे अधिकार पत्र सौंपना है। समाज के लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि जब चर्च सबसे व्यवस्थित रूप से संचालित होने वाली धार्मिक संस्था है, उसमें विभिन्न प्रकार की समितियों में समाज के व्यक्तियों की भागीदारी है तो फिर किसी अन्य धर्मावलंबी को अचल संपत्तियों का केयर टेकर क्यों बनाया जा रहा है?
क्फ बोर्ड जैसी किसी संपत्ति प्रबंधन संस्था की आवश्यकता
-आज जो हालात समाज में देखने को मिल रहे हैं उसकी जड़ में चर्चों में सदस्यों के दान से प्राप्त होने वाला पैसा और अचल संपत्ति है। जिस प्रकार मुस्लिम समाज में संपत्तियों के प्रबंधन एवं नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है उसी तरह ईसाई समाज की संपत्तियों का सर्वे कर उनके प्रबंधन एवं नियमन के लिए भी सरकार को किसी समिति अथवा बोर्ड का गठन करने पर विचार करना चाहिए। जो लोग इन संपत्तियों को खुर्द बुर्द कर रहे हैं, या इन षड्यंत्रों में शामिल हैं चाहे वे धर्मगुरु हों अथवा कोई और सभी के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्यवाही होना चाहिए।
ईसाई समाज को भी आवाज बुलंद करना होगी
-आज उपरोक्त हालात में समाज के प्रत्येक व्यक्ति का यह दायित्व है कि वो समाज और नियमों के विरुद्ध कार्य करने वाले लोगों की गलत हरकतों का विरोध करे। सभी एजेंसियों से इनके काले पीले कारनामों की शिकायत करने हेतु आगे आए। अपनी पहचान न छुपाएं और जांच में खुल कर सहयोग करें तभी समाज का भला कर सकेंगे।
पवित्र शास्त्र कहता है “क्योंकि तू दीन लोगों को तो बचाता है; परन्तु घमण्ड भरी आंखों को नीची करता है”।
-इन दिनों हम प्रभु यीशु मसीह के पुनरुथान दिवस की तैयारी कर रहे हैं। वास्तव में ये हमारे समाज के पुनरुत्थित होने का समय है। अभी समय है हमें तत्काल चैतन्य होकर घमण्ड से भरी इनकी आंखों को समय रहते नीची करवाने के लिए उठ खड़े होना होगा वरना हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक खोखला समाज छोड़ कर जाने वाले हैं।-आप तय कीजिए कि क्या आप समाज को और उसकी संस्थाओं को बर्बाद होते देखना चाहते हैं अथवा बचाना चाहते हैं।