आखिर किसने फर्जी पत्र जारी कर कॄषिमंत्री कमल पटेल की छवि धूमिल करने का किया प्रयास ! – कॉलम लेखक बताएं सुनी सुनाई की सत्यता ! यहां किस मंत्री और किस ठेकेदार की बात हो रही !
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल / हरदा। राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र जैन ने 5 सितंबर को अग्निबाण समाचार पत्र में एक कॉलम के तहत किसी मंत्री द्वारा ठेकेदार को काम दिलाने के लिए 2 करोड़ लेने का जिक्र किया । 3 साल तक काम न मिलने पर ठेकेदार ने राशि वापस चाही। न मिलने पर ठेकेदार ने दलाल से बातचीत को मीडिया में सार्वजनिक करने और मंत्री के बंगले के सामने आत्मदाह का जिक्र रविन्द्र जैन ने अपने कालम मे किया ।
अब ये रहस्य तो तो कॉलम लेखक ही बेहतर उजागर कर सकते हैं कि ठेकेदार कौन है, किस मंत्री ने 2 करोड़ लिए ? ठेकेदार ने किस मंत्री के बंगले के सामने आत्महत्या की बात कही? ठेकेदार ने किन लोगों की ऑडियो सार्वजनिक करने की धमकी दी?
चूंकि रविन्द्र जैन राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार हैं। कपोल कल्पित कॉलम तो वे लिखेंगे नहीं। वर्तमान में ठेकेदार द्वारा अपने पत्र जिसमे रविन्द्र जैन नाम का भी जिक्र है, को फर्जी बताने के बाद जनचर्चा है कि पत्रकार जैन के कालम और फर्जी पत्र में साम्य किस तरह आया ? अब कालम पहले लिखा गया या पत्र ! ये जांच का विषय है।
जबकि अजय जैन खुद वायरल पत्र की जांच की बात वीडियो में कह रहे हैं तो प्रशासन को इस मामले की जांच करवाना चाहिए ।
इधर, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा जिन्होंने अपने ट्वीट में ठेकेदार अजय जैन को जानने की बात लिखी है। उन्होंने भी जांच की बात ट्वीट में लिखी है।
अब जब कोयला व्यापारी अजय जैन इस पूरे प्रकरण से पल्ला झाड़ रहे हैं तब ये सवाल उठता है कि आखिर वे कौन हैं जो अजय जैन के फर्जी पत्र को वायरल कर चुनाव के पहले जबकि टिकिट तय नहीं हुई है। कॄषिमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं ।इस पत्र के वायरल होने के बाद हरदा में मंत्रीपुत्र द्वारा गद्दार कहे जाने से आहत सुरेंद्र जैन का रविन्द्र जैन द्वारा इंटरव्यू रिकार्ड करना, रविन्द्र जैन का हरदा प्रवास भी काफी चर्चा में रहा । इस दौरान उन्होंने कॄषिमंत्री के अलावा आप पार्टी के आनन्द जाट, भाजपा जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा, कांग्रेस के केदार सिरोही के इंटरव्यू लिए। कृषि मंत्री जी से उनका इंटरव्यू न हो पाना काफी चर्चा में रहा।
हरदा के वरिष्ठ पत्रकार का फेसबुक पोस्ट –
हम इस पूरे मामले पर हरदा के पत्रकार रामविलास कैरवार के फेसबुक पोस्ट की टिप्पणी से भी आपको रूबरू कर रहे हैं –
रविंद्र जैन के साथ ठेकेदार अजय जैन क्यों आए थे हरदा….
अजय जैन नाम के ठेकेदार ने शनिवार को मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र लिखा है जिसने पिछले तीन दिन से धधकती राजनीतिक लपटों को ठंडा कर दिया है। कृषि मंत्री कमल पटेल और उनके समर्थक, कांग्रेस के आरोपो की हवा निकालने में सफल हो गए। अजय जैन ने मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में उन आरोपों का खंडन किया है जिसमें 15 सितंबर को जारी हुए पत्र में लगाए गए थे।
“”पहले पत्र में क्या था””
ज्ञात होगी 15 सितंबर को मुख्यमंत्री के नाम अजय जैन के नाम से लिखे एक पत्र में आरोप लगाए गए थे की ठेकेदार अजय जैन से कृषि मंत्री कमल पटेल के समर्थकों ने कमीशन के नाम पर 2 करोड रुपए एडवांस लिए थे और काम भी नहीं दिया जब पैसा वापस मांगने लगे तब पूरा पैसा भी नहीं लौटाया है। 45 लाख रुपए अभी भी बाकी है । ठेकेदार उस पत्र में आत्महत्या करने की बात भी कर रहा है।
यह पत्र सोशल मीडिया पर आने के बाद कांग्रेस ने उक्त पत्र को हाथों हाथ लिया और राष्ट्रीय स्तर पर 50% कमीशन की सरकार का आरोप लगाते हुए भाजपा को घेरने का प्रयास किया। नेशनल कांग्रेस की आईडी से उक्त पत्र जारी हुआ ।
***दूसरा पत्र फिर जारी हुआ**
शनिवार को ठेकेदार अजय जैन निवासी भोपाल के द्वारा फिर एक पत्र मुख्यमंत्री के नाम लिखा गया जिसमें उन्होंने कहा कि 15 सितंबर को जारी हुआ पत्र फर्जी है। मैंने मुख्यमंत्री को कोई शिकायत नहीं की है और ना ही किसी को कमीशन दिया है। कृषि मंत्री की छवि को खराब करने का षड्यंत्र हो सकता है संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए । अन्य बातें भी उन्होंने लिखी है । एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें अजय जैन 15 सितंबर के पात्र को नकली बता रहे हैं। मंत्री समर्थकों ने कहा कि कृषि मंत्री कमल पटेल पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है।** सच्चाई यह भी**
5 सितंबर को अग्निबाण अखबार के संपादक रविंद्र जैन, अग्निबान अखबार के एक कालम में लिखते हैं, मध्य प्रदेश के एक मंत्री ने एक ठेकेदार से दो करोड रुपए एक काम के एवज में एडवांस ले लिए और काम भी नहीं दिया। अब ठेकेदार मंत्री से पैसे वापस करने की मांग कर रहा है मगर मंत्री के यहां से राशि नहीं लौटाई जा रही है। ठेकेदार ने कहां है कि मंत्री के दलालों की ऑडियो रिकॉर्डिंग उसके पास मौजूद है राशि न मिलने की स्थिति में वह मीडिया में प्रसारित कर देगा तथा मंत्री के बंगले के सामने आत्महत्या करने की चेतावनी भी दी है।
इसके बाद रवींद्र जैन हरदा आते हैं उनके साथ अजय जैन भी होते हैं वे यहां पर भाजपा के दो प्रमुख नेताओं से उनके निवास पर मुलाकात करते हैं। अजय जैन उन नेताओं को अपनी पीड़ा बताते हैं लेकिन भाजपा नेताओं ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया की वे इस मामले में कुछ भी मदद नहीं कर पाएंगे। फिर कुछ पत्रकार को भी फोन लगाकर एक कहानी बताने का प्रयास किया मगर पत्रकारो ने भी मामले में कुछ करने से इनकार कर दिया।
उसी दिन रविंद्र जैन, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन का इंटरव्यू भी करते हैं जिसमें टिकट की दावेदारी से संबंधित अंश होते हैं । बाद में यह इंटरव्यू उनके यूट्यूब चैनल पर प्रसारित होता है। सवाल यह है की रविंद्र जैन के साथ अजय जैन हरदा आए थे तब वे अपनी पीड़ा में क्या बयां करने आए थे । किस मुद्दे में परेशान थे । वह तो एक साधारण कारोबारी है फिर पत्रकार के साथ आना और अपनी समस्या भाजपा के दो नेताओं को बताना। नेताओं से सहयोग की अपेक्षा करना । आखिर क्या मसला था, अजय जैन को बताना चाहिए ? उधर रविंद्र जैन के द्वारा लिखे गए कालम में किस मंत्र की बात हो रही है। तथाकथित लिखे गए पहले पत्र में वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र जैन के नाम का उल्लेख भी हो रहा है जिसमें उन्हें अच्छा आदमी बताया गया है । इन सवालों के जवाब अनछुए हैं।
हरदा पत्रकार का नाम सुनते ही काटा फोन –
वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र जैन के कालम जिसमे ठेकेदार और मंत्री का जिक्र है। कालम की क्या सच्चाई है। इस संबध में जब उनके मोबाइल नंबर पर काल कर मकड़ाई एक्सप्रेस ने उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने नाम पूछकर फोन काट दिया।