ब्रेकिंग
हंडिया: हंडिया की नालियों में नहीं हंडिया की सड़कों पर बहता है गंदा पानी।पुख़्ता इंतजाम नहीं होने से ... Harda BIG news: लोगों के ऊपर गंदगी डालकर पैसे लूटने वाले नायडू गैंग का मुख्य आरोपी आकाश पिता गोपी ना... कर्नल सोफिया मामले में मंत्री विजय शाह पर मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज! हाई कोर्ट के आदेश का पालन कर ... नाबालिग ने 4 वर्षीय मासूम की गला घोंट की हत्या: परिजनो को मासूम के साथ अप्राकृतिक कृत्य की आशंका पाकिस्तान भारत के हमले से बने घाव से उभर नही पा रहा:   बिलोचिस्तान में उठ रही स्वतंत्रता की मांग भारतीय मूल की अनीता आनंद बनी कनाडा की विदेश मंत्री!  खिरकिया: पंचायत सचिव की छत से गिरने से हुई मौत! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करना, नपा नेता प्रतिपक्ष को पड़ा भारी, सिटी कोतवाल... प्रदेश की लाड़ली बहनों के खाते कल आयेंगे 1250 रूपये: गुरूवार को CM मोहन यादव सीधी से जारी करेंगे योज... सरकारी क्वार्टर मे मिली 4 लाशें! मृतक एक ही परिवार से पति पत्नि और बेटा बेटी थे। हत्या या आत्महत्या ...

आज देश की परिस्थिति को समझने की जरुरत है, न्यायपालिका और मीडिया को दबाया जा रहा है- प्रियंका गांधी

रायपुर। कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन का आज समापन है। सभी नेता जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। इसी कड़ी में प्रियंका गांधी ने भी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पहली बार छत्तीसगढ़ आई हूं। बघेल जी ने कई बार निमंत्रण दिया था, लेकिन आ नहीं पाई थी। आज आकर बहुत खुशी हो रही है। हमारे कांग्रेस का इतना बड़ा अधिवेशन आपके प्रदेश में चल रहा है। आपके प्रदेश की सुंदरता के बारे में सुना था। छत्तीसगढ़ प्रदेश से मेरे परिवार का बहुत लगाव है।

- Install Android App -

प्रियंका ने कहा कि इस प्रदेश में सामूहिकता की पुरानी परंपरा है। इस देश का संविधान भी सामूहिकता की भावना से ही बना हुआ है। ये संविधान एक सामूहिक परंपरा पर आधारित है। कांग्रेस पार्टी इस संविधान को बचाने का काम कर रही है। संविधान सभी को समान मौका देता है। इज्जत से जीने का मौका, अपने धर्म को निभाने का मौका देता है। संविधान को मजबूत रखने के लिए मीडिया, न्यायपालिका और संसद है। अगर ये तीनों कमजोर होते हैं, तो आपको आपका अधिकार हक नहीं मिलता है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि आज इस देश की परिस्थितियों को समझने की जरूरत है। इस देश की सरकार ने मीडिया को दबाकर रखा है। न्यायपालिका पर सरकार दबाव बनाती है। संसद पर मुद्दों को दबाने की कोशिश होती है।