ब्रेकिंग
जिंदगी और मौत के बीच झूलता आदिवासी युवक, रेफर मरीज को रात 2 बजे तक नहीं मिली एम्बुलेंस इंदौर में बारिश के बीच निकली भव्य तिरंगा यात्रा, देशभक्ति के नारों से गूंजा शहर भोपाल में गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में क्लोरीन गैस का रिसाव तीर्थदर्शन योजना का विस्तार होगा: सीएम सोना 500 रुपये टूटकर 1,01,020 रुपये प्रति 10 ग्राम पर, चांदी स्थिर मध्य प्रदेश में 15 अगस्त से बंद होगी Dial 100 सेवा, नई सुविधा को CM मोहन यादव देंगे हरी झंडी मप्र में 64 लाख अमीर उठा रहे BPL का राशन हरदा: 7 यात्री बस, 2 मेजिक पर चालानी कार्यवाही व एक वाहन जप्त किया !  RTO बोले यादव बस पर भी हुई का... गैस पीड़ितों के मुआवजे को लेकर हाईकोर्ट में 22 सितंबर को सुनवाई पार्वती नदी में बहा मासूम, बचाने कूदी मां भी डूबी, बेटा अब तक लापता

एक विचार भारत की युवक जनसंख्या के नाम।

राखी सरोज:-
130 करोड़ आबादी वाला देश जहां की बड़ी आबादी युवा वर्ग में आती है वह भारत हैं। एक देश जहां युवाओं की जनसंख्या जरूरत से अधिक है। इतनी अधिक की जनसंख्या एक बड़ी समस्या बनकर अन्य समस्याओं को जन्म देने लगी है।
किसी भी देश के लिए अपनी जनसंख्या में युवाओं का होना बहुत ही अधिक जरूरी है। युवक की है जिनके कंधों पर देश का वर्तमान और भविष्य आधारित होता है। युवक ही वर्ग है जो अधिक से अधिक कार्य कर देश को आगे ले जाने में अपना सहयोग दे सकते हैं। युवक ही रक्षा और विकास के कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेकर देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकते हैं।
भारत एक बड़ी जनसंख्या वाला देश होने के साथ ही साथ आज सबसे बड़ी युवा जनसंख्या वाला देश भी है। जिस पर हमें घमंड है, युवकों का देश होने के कारण हम किसी भी कार्य को करने में खुद को सक्षम पाते हैं चाहे वह देश की सुरक्षा का कार्य हो या विकास का। कोरोनावायरस जैसी महामारी से भी हम लड़ने में इसलिए सक्षम  हैं क्योंकि हमारे पास एक बहुत बड़ी युवा पीढ़ी है। जिसे कोरोनावायरस होने का खतरा कम रहता है।

- Install Android App -

हम जानते हैं कि भारत में  अन्य देशों के मुकाबले सबसे अधिक युवकों की जनसंख्या है। जिसके चलते हमें आवश्यकता है अधिक से अधिक रोजगार की। किन्तु हमारे देश में हम सभी युवकों को रोजगार प्रदान नहीं कर पा रहे हैं। भारत में बेरोजगारी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रहीं हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार सितंबर से दिसंबर, 2019 के चार महीनों में देश की बेरोजगारी दर बढ़कर 7.5 फीसदी पहुंच गई। यही नहीं, उच्च शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी दर बढ़कर 60 फीसदी तक पहुंच गई है। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की एक रिपोर्ट ने अनुमान जताया है कि इस साल बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़कर लगभग 2.5 अरब हो जाएगा। यह आंकड़ा हमारे लिए एक बड़ी समस्या बन गया है ओर कोरोनावायरस की मार ने इस में इजाफा कर हमें आर्थिक मंदी की ओर ढकेल कर हमारी समस्याओं को ओर अधिक बढ़ा दिया है।
कोरोना काल से पहले ही हमारे देश में बेरोजगारी 45 साल में सबसे उच्च स्थान पर थी। अब महामारी और बाढ़ जैसी गम्भीर समस्याओं के चलते बेरोजगारी में ओर अधिक बढ़त हुई है। इस लिए हमें विचार करना होगा अपनी नीतियों में बदलाव करने के लिए। यदि हम अभी सही कदम नहीं उठाएंगे तो आने वाले भविष्य के लिए कुछ बचेगा नहीं।  आज एक बड़ी युवा आबादी वाला देश होने के कारण हमें खुद पर गर्व महसूस होता है। किंतु यह आबादी धीरे धीरे वृद्धावस्था की ओर बढ़ रहीं हैं। 2040 के बाद भारत की जनसंख्या में वृद्धों की जनसंख्या में बढ़त होने लगेगी और हमारे पास एक बड़ी जनसंख्या ऐसी होगी, जो वृद्ध हो चुकी होंगी। भारत में 2050 तक जनसंख्या में 30 करोड़ के लगभग ऐसे लोग होंगे जो बुजुर्ग हो चुके होंगे। जिनकी सुरक्षा और रखरखाव हमारे देश की के लिए एक गंभीर समस्या बन जाएंगे। साथ ही साथ आने वाली युवा पीढ़ी के लिए रोजगार का इंतेजाम भी मुश्किल होता जाएगा।
हमें आवश्यकता है वर्तमान में अधिक से अधिक रोजगार उत्पन्न करने की। हमें भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से लड़ना होगा ताकि हमारे देश का युवा वर्ग देश के विकास में योगदान दें सकें ना कि देश के लिए समस्या बन कर देश के विकास में रूकावट उत्पन्न करें। भारत में धर्म और जाति की जड़ें बहुत पुरानी है। इसका ज़हर हमारे के विकास में रोक लगा कर देश के भविष्य को असुरक्षित बना रहा है। हमें ऐसी राजनीति से बचना होगा जो हमारे युवाओं को नकरात्मक विचारों की ओर लें जा रही है। हमें आवश्यकता है खुद के विचारों को बदल कर आने वाली पीढ़ी के लिए आर्थिक रूप से मजबूत बनने की। देश के लिए कार्य करें अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर तभी हमारी आने वाली पीढ़ी को उज्जवल भविष्य मिल सकेगा।