मकड़ाई एक्सप्रेस 24 नई दिल्ली। ओडिसा के बालासोर जिले में बाहानाहा स्टेशन के पास शुक्रवार शाम हादसे का शिकार हुई हावड़ा-चैन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन में 280 से ज्यादा जान जाने की पुष्टि हो चुकी है। बालासोर रेल हादसे को 6 जून 1981 को बिहार में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद का सबसे भीषण हादसा माना जा रहा है। बालासोर हादसे से पहले आखिरी दुर्घटना सम्भवतः 13 जनवरी 2022 को हुई थी। जब पश्चिम बंगाल के अलीद्वारपुर में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हुई थी।
घटना के बाद से ही राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। इस बीच ओडिशा और पश्चिम बंगाल के रास्ते जाने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। वहीं, दर्जनों गाड़ियों के रूट को भी बदल दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जांच जारी है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जिन लोगों ने अपना जीवन खोया है, मैं उनके परिवार का दर्द समझता हूं। जो लोग घायल हैं, उनके इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे में प्रदेश के मरने वाले लोगों के परिजनों को लिए 5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए एक लाख रुपये का मुआवजा देना का एलान किया।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बालासोर ट्रेन हादसे में घायल लोगों के इलाज के संबंध में भुवनेश्वर एम्स के सीनियर डॉक्टरों और अधिकारियों के साथ बैठक की। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि घायलों को अच्छा इलाज मिले। उसके लिए दिल्ली एम्स, आरएमएल अस्पताल सभी जगह से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम एयर फोर्स के विशेष विमान द्वारा आधुनिक उपकरण और चिकित्सा के साथ पहुंच चुकी है।