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कृषि मंत्री कमल पटेल को पार्टी और सरकार से तत्काल बर्खास्त करने की मांग–डॉ सुनीलम

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले का अनुकरण करें देश के सभी जनप्रतिनिधि
-डॉ सुनीलम

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मकड़ाई समाचार भोपाल। किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष नाना पटोले को बिना विलंब के किसान विरोधी कानून को वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखने पर बधाई देते हुए कहा है कि उन्होंने कानून वापस नहीं लिए जाने की स्थिति में संवैधानिक पद पर आसीन होने के बावजूद किसान होने के कारण अन्नदाता की लड़ाई में शामिल होने की स्पष्ट चेतावनी भारत के प्रधानमंत्री को दी है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि पंचायत से लेकर संसद तक जो भी जनप्रतिनिधि खुद को किसान या किसान का प्रतिनिधि मानते हैं उन्हें प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर नाना पटोले जी की तरह किसान विरोधी कानूनों को रद्द कराने की ना केवल मांग करनी चाहिए बल्कि किसानों के आंदोलन में सक्रिय भागीदारी भी करनी चाहिए।
डॉ सुनीलम ने कहा कि मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के सभी अख़बारों में प्रकाशित समाचार और वीडिओ के अनुसार कृषि कानून का विरोध करने के लिए कुकुरमुत्तों की तरह 500 किसान संगठन उग आए हैं। यह किसान संगठन नहीं बल्कि दंगाई, दलालों बिचौलियों और देशद्रोही और विदेशी ताकतों के पैसों से चलने वाले संगठन है। डॉ सुनीलम ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार कृषि मंत्री के आरोपों को साबित कर किसान संगठनों पर कार्यवाही करे या कमल पटेल को तत्काल बर्खास्त करे।
डॉ सुनीलम ने कहा कि कमल पटेल मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उन्हें तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करना आवश्यक हो गया है। डॉ सुनीलम ने किसानों से अपील की है कि वे गांव गांव में कृषि मंत्री के पुतले जलाकर , धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन देकर विरोध करें।
डॉ सुनीलम ने बताया कि उन्होनें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कमल पटेल को मंत्री पद एवं पार्टी से बर्खास्त करने के लिए पत्र लिखा है।
डॉ सुनीलम ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि मंत्री, गृह मंत्री, रेल मंत्री, रक्षा मंत्री जिन किसान संगठनों से छह राउंड कई घंटों की बातचीत कर चुके हैं, उन 500 संगठनों को देशद्रोही और कुकुरमुत्ता बतलाना यह स्पष्ट करता है कि कमल पटेल पार्टी और सरकार की सोच को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इसलिए उन्हें पार्टी और पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। प्रदेश की जनता को ऐसे गैर जिम्मेदार मंत्री से बचाने के लिए कमल पटेल को पागलखाने में भर्ती कराकर इलाज कराने की जरूरत है।