मकड़ाई समाचार बाराबंकी। amazing यूपी पुलिस विभाग के खेल न्यारे हैं कहीं मुर्दे पर एफआईआर दर्ज कर दी जाती है तो कहीं दारोगा करीब 62 वर्ष की उम्र तक नौकरी कर डालता है और किसी को भनक तक नहीं पड़ती। लापरवाही का एक बड़ा नमूना बाराबंकी में देखने को मिला। जहां तैनात एक उपनिरीक्षक ने करीब 62 वर्ष की उम्र तक नौकरी कर डाली। पुलिस महकमे में 60 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट होता है। शनिवार शाम इसकी भनक लगी तो पुलिस अफसरों में अफरातफरी मच गई। रविवार को आनन-फानन में जीडी पर तस्करा दर्ज करके दारोगा को घर भेज दिया गया। बाराबंकी एसपी यमुना प्रसाद ने सीओ को मामले की जांच सौंपी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
जगतपाल वर्मा की चुप्पी :- लखीमपुर खीरी के रहने वाले जगतपाल वर्मा पुलिस महकमे में आरक्षी पद पर भर्ती हुए थे। वर्ष 2013 में पहली प्रोन्नति पाकर वह दीवान बने। इसके बाद वर्ष 2016 में दूसरी प्रोन्नति पर जगतपाल उपनिरीक्षक बन गए। वह इन दिनों बाराबंकी पुलिस लाइन में तैनात थे। शनिवार को पुलिस ऑफिस में बड़े बाबू ने जगतपाल की चरित्र पंजिका व सेवा संबंधी कागजात देखे तो हैरान रह गए। पता चला कि जगतपाल वर्मा की सेवानिवृत्ति तो 31 अक्तूबर 2019 को होनी थी मगर वह लगातार ड्यूटी कर रहे हैं।
महकमे के उड़े होश :- पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद को इस हकीकत से अवगत कराया गया। जांच में पता चला कि, जगतपाल की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के शैक्षिक प्रमाणपत्रों में जन्मतिथि वर्ष 1959 दर्ज है मगर भर्ती के वक्त चरित्र पंजिका पर गलती से जन्मतिथि 1962 लिख दी गई थी। इसलिए महकमे ने जगतपाल को सेवानिवृत्त नहीं किया। और जगतपाल भी नौकरी करते रहे। रविवार सुबह जगतपाल से लिखवाया गया कि मैंने भूलवश दो साल अतिरिक्त नौकरी कर ली है, जबकि मेरा रिटायरमेंट 31 अक्तूबर 2019 में होना था। इसके बाद जीडी पर तस्करा डालकर जगतपाल को घर भेज दिया गया।
जांच सौंपी गई :- एसपी बाराबंकी यमुना प्रसाद ने इस मामले में बताया कि, उपनिरीक्षक जगतपाल वर्मा द्वारा सेवानिवृत्ति की समयसीमा से 22 माह अधिक ड्यूटी करने का मामला संज्ञान में है। इसकी जांच सीओ लाइंस/ऑफिस पंकज कुमार को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट से पता चलेगा कि किस स्तर पर और किसी तरह से लापरवाही हुई। मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।