सभी ने माना जल संवर्धन के कार्य है जरूरी, इसलिए जलाभिषेक अभियान को बनाना होगा जन-जन का आंदोलन
मकड़ाई समाचार बड़वानी। हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसके तहत प्रदेश में ‘‘पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान‘‘ अंतर्गत पुरानी जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार का कार्य बड़े पैमाने पर लिया जा रहा है। वही अमृत सरोवर योजना के तहत प्रत्येक जिले में 75 नवीन तालाब निर्माण की कार्य योजना बनाई गई है। यह दोनों योजना हमारे जिले के लिए अत्यंत कारगर योजना है इसलिए हमें इन दोनों योजनाओं को जन-जन का आंदोलन बनाना होगा। जिससे हमारे जिले में भी वर्षभर वर्षा का पानी तालाबों-नदी-नालों-जल संरचनाओं में कल-कल बहता रहे।
कलेक्ट्रेट सभागृह बड़वानी में रविवार को आयोजित जल संसद में उक्त बाते प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल एवं लोकसभा सांसद श्री गजेंद्र सिंह पटेल ने कहीं। जल संसद में कलेक्टर श्री शिवराज सिंह वर्मा, जिला पंचायत सीईओ श्री अनिल कुमार डामोर, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री ओम सोनी, जिला पंचायत सदस्य श्री विकास आर्य, पूर्व सांसद श्री सुभाष पटेल, किसानों के प्रतिनिधि जगदीश धनगर, जिले के गणमान्य श्री विक्रम चैहान, जिले के समस्त एसडीएम, तहसीलदार, निर्माण एजेंसियों के कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में उक्त दोनों अभियान को जिले में बेहतर तरीके से संचालन के लिए विचार-विमर्श कर कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।
जल संसद में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
* उक्त दोनों योजना में बड़वानी जिला मॉडल बने, इसके लिए इस योजना को हम सबको मिलकर जन-जन तक पहुंचाना होगा।
* इस योजना के तहत संचालित होने वाले तालाबों के जीर्णोद्धार कार्य में पारदर्शिता बनी रहे इसके लिए अनुभाग एवं ग्राम पंचायत स्तर पर भी बैठकों का आयोजन कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इससे जोड़ना होगा।
* पुराने तालाबों, जल संरचनाओं के गहरीकरण का कार्य सभी के जन सहयोग से संचालित करना होगा। इस दौरान निकली मिट्टी किसान बंधु निःशुल्क अपने खेतों में ले जा सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी रॉयल्टी या अनुमति की आवश्यकता नहीं रहेगी।
* छोटे किसान बंधु भी गहरीकरण में निकली उपजाऊ मिट्टी को अपने खेतों तक ले जा सके इसके लिए क्षेत्र में चल रहे बड़े कार्यों में संलग्न ठेकेदारों के संसाधनों का उपयोग उनकी सहमति से निःशुल्क लिया जाए। इन बड़े संसाधन जैसे जेसीबी, पोकलैंड के माध्यम से जल संरचनाओं का गहरीकरण कार्य करवाया जाए। और निकली मिट्टी को किसानों के ट्रैक्टर में निःशुल्क भरी जाए। जिससे छोटे किसान भी योजना से लाभान्वित हो सके। और यदि कोई किसान अपने संसाधन से मिट्टी भरकर ले जाता है तो उसे भी ले जाने दिया जाये।
* पुष्कर सरोवर समृद्धि अभियान अंतर्गत जिले में प्रारंभिक रूप से 1362 जल संरचनाओं का चयन किया गया है जिनमें गहरीकरण का कार्य होना है । इन जल संरचनाओं में निर्धारित सीमा तक किसान बंधु कभी भी स्वयं के संसाधनों से उपजाऊ मिट्टी खोदकर अपने खेतों तक ले जा सकेंगे। मौके पर संबंधित निर्माण एजेंसी के इंजीनियर उपस्थित रहेंगे जो किसानों को बताएंगे कि किस सीमा तक गहरीकरण एवं मिट्टी की खुदाई होना है।
* इसी प्रकार अमृत सरोवर योजना के तहत जिले में सर्वाधिक उपयुक्त स्थानों पर 75 तालाबों का निर्माण होना है। तालाबों की साइट सर्वाधिक उपयुक्त हो इसके लिए जनप्रतिनिधियों, ग्रामीण जनों का भी सहयोग लिया जाए ।
* उक्त अभियान के लिए जिला, जनपद, ग्राम पंचायत स्तर पर गठित होने वाली समितियों में सामाजिक लोगों को भी जोड़ा जाए। इसके लिए पूर्व में कोरोना के मद्देनजर गठित समिति के सदस्यों को भी लिया जा सकता है।
* उक्त दोनों अभियान के लिए समितियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए। जिसमें अभियान के दौरान संचालित गतिविधियों की जानकारी संपूर्ण जिले की समिति के प्रत्येक सदस्य को सहज रूप से उपलब्ध रहें और वह उसमें अपने विचार दे सके।
* समिति के सदस्यों एवं ग्रामीणों की बैठकों का आयोजन सतत किया जाता रहे। जिससे उक्त दोनों अभियान जन आंदोलन का स्वरूप ले सके।
* वन क्षेत्र में जल संरक्षण के कार्य में किसी प्रकार का अवरोध न आने पाए, इसके लिए क्षेत्र के वन मंडल अधिकारी एवं वन विभाग के मैदानी अमले को भी समिति का सदस्य बनाया जाए।
* विभिन्न स्तरों पर गठित यह समिति हमेशा कार्यरत रहेगी एवं अपने क्षेत्र के जल संरचनाओं, नहरों की साफ-सफाई एवं उसके संचालन की जिम्मेदारी वहन करेगी।
* जनप्रतिनिधि, अधिकारी भी जल संरचनाओं को गोद ले एवं उसके कैचमेंट क्षेत्र में जन सहयोग से सघन पौधारोपण करवाएं। जिससे यह जल संरचनाएं वर्षभर जीवित रहे।
* इस अभियान के दो चरण होंगे, पहले चरण में ऐसे कार्य लिए जाएंगे जो जून 2022 तक पूरे हो जाए । द्वितीय चरण में ऐसे कार्य लिए जाएंगे जो मार्च 2023 तक पूर्ण हो जाए।
* उक्त अभियान में जन अभियान परिषद के भी स्वयं सेवको का सक्रिय सहयोग लिया जाये।