अनिल उपाध्याय।खातेगांव वन्य प्राणी अभयारण्य खिवनी के रीच्छी खो एवं खिवनी बुजुर्ग से लगे ग्रामीण क्षेत्र के व्यक्तियों द्वारा विगत 6-7 वर्ष से अभ्यारण की सीमा पर अतिक्रमण किया गया था जिसे हटाने के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था किन्तु किसी प्रकार के विवाद की स्थिति निर्मित ना हो इसलिए ग्रामीणों को स्वयं से अतिक्रमण हटाने हेतु समझाइश दी जा रही थी!
विदित हो कि खिवनी अभ्यारण क्षेत्र वन्य प्राणी बाघ,तेंदुए समेत अन्य कई वन्य प्राणियों की प्रजातियों का आश्रय स्थल है जैव विविधता से परिपूर्ण है तथा ग्रामीणों के वन क्षेत्रों में प्रवेश करने पर हमेशा वन्य प्राणी द्वारा आक्रमण का ख़तरा बना रहता है जिससे वन्य प्राणी एवं ग्रामीण दोनों को जान का खतरा रहता है! सैटेलाइट इमेज से जांच करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त अतिक्रमण विगत 5-6 वर्ष में होना पाया गया तथा प्रति वर्ष अभ्यारण्य की सीमा पर थोड़ा थोड़ा अतिक्रमण किया गया ! इस संबंध में वन संरक्षक देवास श्री पी एन मिश्रा के मार्गदर्शन में वन्य प्राणी अभयारण्य खिवनी के स्टाफ़ द्वारा लंबे समय से अतिक्रमण हटाने के संबंध में ग्रामीणों से चर्चा की जा रही थी तथा समिति के माध्यम से भी ग्रामीणों को अतिक्रमण हटाने के लिए समझाइश दी जा रही थी !
अतिक्रमण बेदखली के संबंध में समस्त अतिक्रमकारियों को चिन्हित कर उन्हें स्वयं से वन भूमि से अपना अतिक्रमण हटाने हेतु 10 जनवरी 2023 को सूचना पत्र जारी कर सूचित कर दिया गया था साथ ही अतिक्रमण बेदखली की कार्रवाई हेतु जिला स्तरीय टास्क फ़ोर्स/टाइगर सेल की बैठक दिनांक 07 मार्च 2023 को भी अभ्यारण्य क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व एवं पुलिस विभाग के सहयोग प्राप्त करने के लिए इसे टास्क फोर्स की बैठक में रखा गया था तथा कार्यवाही हेतु 27 मार्च की दिवस को चुना गया था! जिस पर अभ्यारण खिवनी के स्टाफ़ द्वारा पुलिस विभाग के सहयोग से कार्यवाही करते हुए विगत 02 दिवस में अभ्यारण में आरक्षित वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को ग्रामीणों को समझाइश देकर बेदख़ल किया गया !
ग्रामीणों द्वारा आपसी सहमति से हटाया अतिक्रमण-
अतिक्रमण बेदख़ली की कार्यवाही के दौरान ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण क्षेत्र में बनी हुई कची टपरियों को स्वयं के द्वारा हटाया गया तथा स्टाफ द्वार अब इस क्षेत्र में पुनः अतिक्रमण नहीं करने के संबंध में समझाइश दी गई !साथ ही अभ्यारण के स्टाफ़ द्वारा वन क्षेत्र में आ रही भूमि को सीमांकन कर पूर्व में निर्मित मुनारो से राजस्व भूमि एवं वन भूमि के मध्य CPT खोदकर वन भूमि को अपने क़ब्ज़े में लिया गया !
अतिक्रमण से मुक्त वन भूमि पर चारागाह विकास एवं तालाब निर्माण के होंगे कार्य
अतिक्रमण बेदखली से मुक्त हुई भूमि पर वन्य प्राणियों एवं समिति के पालतू पशुओं हेतु चारागाह क्षेत्र विकास एवं तालाब निर्माण का कार्य किया जाएगा ताकि समिति के लोगों को भी अपने पशु चराई के लिए जंगल में जाने की आवश्यकता ना हो जिससे वन्य प्राणियों द्वारा पशु हानि/जनहानि की घटनाओं से भी बचा जा सकेगा ! तथा वन राजस्व सीमा पर सीपीटी (खंती) होने से वन्य प्राणी भी खेतों में आकर फसल हानि नहीं करेंगे! समस्त अतिक्रमण बेदख़ली की कार्रवाई में वन्य प्राणी अभयारण्य खिवनी ,वन परिक्षेत्र खातेगाँव के समस्त वन स्टाफ़ थाना हरण गाँव के पुलिस विभाग के स्टाफ़ का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ !