रायपुर। वनस्पति खाने वाले वन्य जीवों की गणना अब एम स्ट्राइप नामक ऐप से की जाएगी। वन विभाग के कर्मचारी अब घर बैठे गिनती नहीं कर पाएंगे। ऐसा करने पर तुरंत पकड़े जाएंगे, क्योंकि एप के माध्यम से कर्मचारियों का लोकेशन भी दर्ज होगा।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने वर्ष 2018 में ऐप से गणना करने का निर्देश जारी किया है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते अब तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है। अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर जल्द ही शुरुआत की जाएगी।
प्रदेश के जंगलों में बाघों के शिकार के लिए हिरण, बारहसिंगा, नील गाय, गौर और चौटिंगा आदि वनस्पति खाने वाले जीवों की संख्या वर्तमान में कितनी है, इसकी गणना होनी है। जिस एम स्ट्राइप ऐप के माध्यम से गणना की जानी है उस ऐप को सिर्फ एंड्राइड 4.5 या 5 मोबाइल में चलाया जा सकता है। इसमें जावनरों के खुर, डंक, पंजा आदि के निशान की फोटो खींचकर अपलोड करना है।
विश्वसनीयता को लेकर विवाद
वर्तमान में वन्य जीवों की गणना में विश्वसनीयता को लेकर अक्सर विवाद की स्थिति देखने को मिलती है। इसका उदाहरण है किएनटीसीए ने वन विभाग को पत्र जारी किया है कि अचानक मार्ग, टाइगर रिजर्व, इंद्रावती टाइगर रिजर्व, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर के आंकडों की जांच वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट से कराकर दें। इससे वन विभाग के अधिकारियों की नींद हराम हो गई है।
यह होगा फायदा
जंगलों में मोबाइल की कनेक्टिविटी नहीं रहती इसलिए जंगल जाने के बाद कर्मचारियों का मोबाइल काम करना बंद कर देता है। लेकिन कर्मचारी एंड्राइड 4.5 या 5 से स्वयं की फोटो खींचकर एप में डालेंगे। कर्मचारियों के नेटवर्क में आते ही एप के माध्यम से एनटीसीए में बैठे कर्मचारी को पता चल जाएगा कि कर्मचारी ने कितने बजे और कहां से फोटो खींची।
– एम स्ट्राइप ऐप से गणना की शुरुआत अभी तक नहीं की जा सकी है। जल्द कर्मचारियों की ट्रेनिंग देकर प्रारंभ कर दिया जाएगा। – कौशलेन्द्र सिंह, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ