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चंबल में मंदिर से चोरी हुए ‘शनिदेव’, पुलिस ढूंढ लाई यमराज, लोगों से बोली- यह मूर्ति संभालो…

भिंड   पुलिस को यमराज और शनिदेव में अंतर नहीं पता है। वह यमराज को शनिदेव बताकर एक मंदिर ट्रस्ट को देना चाहती है। ट्रस्ट के लोगों ने मूर्ति यमराज की कहकर लेने से मना कर दिया। ऐसे में यमराज थाने के मालखाने में बंद हैं।

मामला लहार थाना क्षेत्र का है। यहां दो सप्ताह पहले चोर भाटनताल स्थित नवग्रह मंदिर से शनिदेव की मूर्ति उखाड़कर ले गए थे। पुलिस इसे बरामद करने के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रही थी, लेकिन मूर्ति यमराज की निकली तो अब खूब किरकिरी हो रही है। इसके बाद लहार एसडीओपी अवनीश बंसल ने मंदिर ट्रस्ट के साथ बैठक भी की, लेकिन ट्रस्ट ने यह मूर्ति नहीं ली।

शनिदेव की मूर्ति चोरी होने से श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। उन्होंने बीते दिनों बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को ज्ञापन देकर पूरे मामले से अवगत कराया था। वीडी शर्मा ने लहार पुलिस को इस घटना को गंभीरता से लिए जाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। उसे रौन थाना क्षेत्र के मढ़ी जैतपुरा गांव में मूर्ति मिली। पुलिस ने मूर्ति को थाने लाकर मालखाने में रख दिया।

इस मूर्ति की पहचान मंदिर ट्रस्ट समिति के सदस्यों से कराई गई। ट्रस्ट के लोगों ने इसे यमराज की मूर्ति कहकर लेने से मना कर दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि मूर्ति के एक हाथ दंड और दूसरे हाथ में पांस है। यह भैंसा पर सवार है। न्याय के देवता शनिदेव के भैंसा पर सवार होने का किसी भी धार्मिक ग्रंथ में उल्लेख नहीं है।

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ट्रस्ट ने शनिदेव और यमराज में ये फर्क बताया

मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रामकुमार महते का कहना है कि पुलिस जो मूर्ति दे रही है वह शनिदेव की नहीं है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक शनिदेव नौ वाहनों पर सवार होते हैं। इनमें हाथी, घोड़ा, गिद्ध, गधा, शेर, सियार, कुत्ता, मोर, और हिरण शामिल है।

महते ने कहा कि भैंसा पर सवारी का यमराज का उल्लेख मिलता है। पुलिस ने यह मूर्ति मंदिर कमेटी को दिखाई तो सदस्यों ने पहचानने से इनकार कर दिया। मूर्ति बरामद करने के नाम पर पुलिस ड्रामेबाजी कर रही है। ट्रस्ट पुलिस के इस कृत्य की निंदा करता है।

SDOP बोले- मूर्ति शनिदेव की या यमराज की, मैं नहीं पहचानता

मंदिर ट्रस्ट के साथ बैठक कर चुके लहार एसडीओपी अवनीश बंसल ने कहा, मूर्ति शनिदेव की है यमराज की, मैं नहीं पहचानता। बरामद मूर्ति को मालखाने में रखवाया गया है। ट्रस्ट के सदस्यों से बातचीत हुई थी। इस पर निर्णय हुआ है कि मूर्ति स्थापना का कोई मुहूर्त नहीं है। चैत्र नवरात्रि में मुहूर्त आएगा तो मंदिर में नई प्रतिमा स्थापित कराई जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी भी लगाएं जाएंगे। बरामद की गई इस मूर्ति को जैतपुरा गांव के लोग मांग रहे हैं। वे कह रहे हैं कि शनिदेव हमारे गांव में प्रकट हुए हैं, इसलिए हम लोग अपने गांव में स्थापित कराएंगे।