काल के अधिपति भगवान महाकाल के आंगन से नवसंवत्सर की शुरुआत होती है। तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी भगवान महाकाल को नीम मिश्रित जल से स्नान कराया जाता है। इस दिन से हिन्दू वर्ष का आरंभ होता है, इसलिए नए पंचांग का पूजन भी किया जाता है।
मकड़ाई समाचार उज्जैन|ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 22 मार्च को भगवान महाकाल को नीम मिश्रित जल से स्नान कराया जाएगा। पंचांग का पूजन होगा तथा मंदिर के शिखर पर नया ध्वज लगाया जाएगा।