घटना अमोला के सिरसौद गांव की है जहां इस घटना से हर कोई हैरान है
मकड़ाई समाचार शिवपुरी (अमोला)। हमेशा शव घर से श्मशान जाता है जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाता है लेकिन शिवपुरी के अमोला में इससे ठीक उलटी एक घटना सामने आई है। यहां एक बुजुर्ग घर से श्मसान तक गए तो जिंदा थे। लेकिन वहां से वापस उनका शव आया है। घटना अमोला के सिरसौद गांव की है जहां इस घटना से हर कोई हैरान है।
मुक्तिधाम तक जिंदा जाने के बाद एक वृद्ध को शव के रूप में वापस घर लाया गया। यह सब तब हुआ, जब मुक्तिधाम पर इकट्ठा हुए लोग चीरहरण का प्रसंग सुना रहे थे, जिसे सुनते-सुनते एक वृद्ध ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद लोग उनके शव को श्मशान से घर लेकर लौटे। हुआ यह कि अमोला के सिरसौद गांव में रहने वाले 80 वर्षीय केशव प्रसाद भारद्वाज की शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात मौत हो गई थी। शनिवार की दोपहर लगभग 12 बजे केशवप्रसाद के शव को अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम ले जाया गया। उनकी अंतिम यात्रा में सिरसौद निवासी 75 वर्षीय रिटायर्ड पुलिसकर्मी जगदीश प्रसाद पंडा भी शामिल थे।
बताते हैं कि मुक्तिधाम पर चिता सज रही थी, तभी वहां बैठे लोग महाभारत में द्रोपदी के चीरहरण प्रसंग सुनाकर उस पर चर्चा कर थे। मुक्तिधाम पर बैठे जगदीश पंडा भी इस प्रसंग को सुन रहे थे प्रसंग सुनते-सुनते वो वहीं एक तरफ लुढ़क गए। जगदीश प्रसाद को बेसुध लुढ़कते देख वहां मौजूद लोगों ने उन्हें हिला-डुलाकर उठाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक जगदीश प्रसाद दुनिया छोड़ चुके थे। इसके बाद वहां मौजूद कुछ लोगों ने केशव प्रसाद का अंतिम संस्कार किया और कुछ लोग जगदीश प्रसाद के शव को उनके घर लेकर पहुंचे। जब शव घर पहुंचा तो परिजन भी हतप्रभ क्योंकि वे तो जिंदा मुक्तिधाम गए और शव के रूप में वापस आए।