संचालक श्री राय ने जल संरक्षण व संवर्द्धन के कार्यो की विस्तार से समीक्षा की
मकड़ाई समाचार हरदा। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के संचालक श्री प्रवीण कुमार राय ने गुरूवार को हरदा कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में नेशनल वाटर मिशन के तहत संचालित जल शक्ति अभियान के ‘‘कैच द रैन’’ कार्यक्रम के अंतर्गत जल संरक्षण व संवर्द्धन के लिये किये गये कार्यो की विस्तार से समीक्षा की। इस दौरान जल शक्ति अभियान के तहत कार्यरत वैज्ञानिक श्री पराग कश्यप भी मौजूद थे। संचालक श्री राय ने बैठक में निर्देश दिये कि जिले में जो भी जल संरचनाएं पूर्व से निर्मित है या नई बनाई जा रही है, उन्हें जियो टेग किया जाए। साथ ही उनके फोटो जल शक्ति अभियान के पोर्टल पर अपलोड किये जायें। बैठक में कलेक्टर ऋषि गर्ग, वनमण्डलाधिकारी अंकित पाण्डे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राम कुमार शर्मा भी मौजूद थे। इस दौरान ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की कार्यपालन यंत्री श्रीमती प्रियंका मैहरा, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री व उपसंचालक कृषि एम.पी.एस. चन्द्रावत ने भी जल संरक्षण के संबंध में उनके विभाग द्वारा किये गये कार्यों का प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया।
कलेक्टर श्री ऋषि गर्ग ने बैठक में बताया कि जिले में रोजगार गारंटी योजना के साथ-साथ 15 वें वित्त आयोग तथा जनभागीदारी से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 75 अमृत सरोवर तालाब स्वीकृत किये गये है। इनमें हरदा विकासखण्ड में 28, खिरकिया में 25 व टिमरनी में 22 तालाब शामिल हैं। उन्होने बताया कि इनमें से अधिकांश में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो शेष रह गये है वे आदर्श आचरण संहिता हटने के बाद प्रारंभ किये जायेंगे। उन्होने बताया कि इसके अलावा किसानों को भी उनके खेतों में छोटे तालाब बनाने के लिये प्रेरित किया गया है, जिसके कारण पिछले दिनों हरदा विकासखण्ड में 16 तथा टिमरनी विकासखण्ड में 16 तालाबों सहित कुल 32 तालाब बनाये गये है। इसके अलावा वर्षा का पानी रोकने के लिये स्टॉप डेम व कन्टूर ट्रेन्च जैसे कार्य भी मनरेगा के तहत कराये गये है। उन्होने बताया कि मनरेगा योजना के तहत जिले में मेढ़ बंधान के 274 कार्य कराये गये है, जिससे कि खेत का पानी व मिट्टी खेत में ही रूकी रहे।
जल शक्ति अभियान के तहत भारत सरकार में कार्यरत वैज्ञानिक श्री कश्यप ने बैठक में कहा कि शासकीय आवासों तथा सभी शासकीय कार्यालयों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य किया जाए ताकि वर्षा का जल बेकार न जाए। उन्होने कहा कि सभी जल संरचनाओं के आसपास पौध रोपण कराया जाए और जिला स्तर पर एक जल शक्ति केन्द्र कार्यालय स्थापित किया जाए। श्री कश्यप ने जल शक्ति अभियान से संबंधित विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के लिये भी कहा। वनमण्डलाधिकारी श्री अंकित पाण्डे ने बैठक में बताया कि वन क्षेत्र में भी मनरेगा योजना के तहत जल ग्रहण संरचनाओं का निर्माण कराया जा रहा है, साथ ही वन क्षेत्र में पौधरोपण के माध्यम से भी जल संरक्षण किया जा रहा है।
कार्यपालन यंत्री श्रीमती मेहरा ने अपने प्रेजेन्टेशन में बताया कि जल संसाधन विभाग व ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा मनरेगा के तहत बनवाये गये तालाबों के अलावा बलराम तालाब योजना के तहत भी किसानों के खेतों में कुल 32 तालाब बनवाये गये है। उपसंचालक कृषि श्री चन्द्रावत ने बैठक में बताया कि किसानों को खेतों में तालाब बनाने के लाभ के बारे में बताया गया है तथा उन्हें खेतों में नरवाई न जलाने की समझाईश भी समय-समय पर दी जाती है, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने में आ रहे है। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने बताया कि शासकीय कार्यालयों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगवाये गये है तथा हेण्डपम्पों के आसपास सोख्ता गड्ढे तैयार कराये गये है, जिससे कि पानी व्यर्थ न जाए और जल स्तर बढ़ाने के उपयोग में आये।