मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए भक्तों को हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। हिंदू धर्म में बजरंग बाण का बड़ा महत्व बताया गया है। मनोकामनाओं की पूर्ति और भय से मुक्ति पाने के लिएहनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ किया जाए, तो यह लाभकारी होता है। हर मंगलवार या शनिवार को बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। बजरंग बाण का पाठ करने से ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। बजरंग बाण का पाठ करने से जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। इस पाठ से विवाह में आने वाली बाधाएं और वास्तु दोष भी दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं बजरंग बाण का पाठ करने के खास नियम।
– : पाठ के नियम :-
मंगलवार के दिन से बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। इस पाठ को गलती से भी किसी ओर दिन न शुरू करें। बजरंग बाण का पाठ करने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ जरूर किया जाना चाहिए। मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए 41 दिनों तक बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। पाठ अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। बजरंग बाण पाठ के दौरान कपड़ों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पाठ के समय लाल रंग के वस्त्र धारण करें और ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें।जितने दिन भी बजरंग बाण पाठ का संकल्प लें, उतने दिन नशे या मांसाहार के सेवन से दूर रहें|
पाठ की विधि :-
बजरंग बाण को सिद्ध करने के लिए विधि का प्रयोग किया जाना चाहिए। बजरंग बाण पाठ के लिए किसी भी मंगलवार रात्रि को 11 से रात्रि 1 बजे तक का समय सुनिश्चित कर ले। सबसे पहले आप पूर्व दिशा में एक चौकी स्थापित करें। चौकी पर एक पीला या लाल कपड़ा बिछा दें। फिर “ऊं हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्” मंत्र कागज पर लिख कर चौकी पर रख दें। चौकी की दायीं तरफ घी का दिया जलाएं और कुश के आसन पर बैठकर करीब पांच बार बजरंग बाण का पाठ करें। इसके बाद कागज पर लिखे मंत्र को उठाकर घर में बने मंदिर में रख दें और रोज उसकी पूजा करें|हनुमान जी को भोग में केलेे,आम,अमरुद फल तथा सवा पाव या सवा किलो आटे का रोेट या चूरमा देना चाहिए।भगवान रामनाम का उच्चारण और राम भजन अवश्य सुनाना चाहिए।