सुनील पटल्या गुर्जर बेड़िया। श्री दिगंबर जैन मंदिर मैं प्रातः कालीन भगवान महावीर का निर्वाण लाडू चढ़ाकर अभिषेक पूजन पाठ किया गया। महावीर स्वामी ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन ही स्वाति नक्षत्र मैं कैवल्य ज्ञान प्राप्त करके निर्वाण प्राप्त किया था । भगवान महावीर का जीवन एक खुली किताब की तरह है उनका जीवन ही सत्य अहिंसा और मानवता का संदेश है । उनके घर परिवार में ऐश्वर्य और धन संपदा की कोई कमी नहीं थी । एक राजा के परिवार में पैदा होते हुए भी उन्होंने ऐश्वर्य और धन संपदा का उपभोग नहीं किया और युवावस्था में राजपाट छोड़कर वैराग्य की ओर चले गए । प्रतिवर्ष दीपावली के दिन जैन धर्म में दीप मालिका सजाकर भगवान महावीर का निर्वाण उत्सव मनाया जाता है भगवान महावीर का एक ही नारा था जियो और जीने दो । इस अवसर अध्यक्ष महेंद्र जैन, सावन जैन, धर्मेंद्र घाटे, दीपक जटाले, राकेश घाटे, लोकेंद्र शाह सहित समाज जन उपस्थित थे ।
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