दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा सेंट्रल बैंक के पूर्व मैनेजर पर बैंक के ही संविदा कर्मी से धोखाधड़ी कर उसके कागजातों के आधार पर 10 लाख रुपये का लोन निकाल लेने का मामला सामने आया है। पीड़ित जब लोन निकालने के लिए व्यापार एवं ग्रामोद्योग विभाग के दफ्तर पहुंचा, तब उसे इस बात का पता चला। पीड़ित की शिकायत पर उक्त महिला अफसर के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
पीड़ित सेंट्रल बैंक के चतुर्थ वर्ग संविदा कर्मी लंबोदर मंडावी ने बताया कि दंतेवाड़ा सेंट्रल बैंक में वर्ष 2018 में मीनाक्षी कुमारी बतौर शाखा प्रबंधक पदस्थ थीं। उन्होंने एक बार उनका आधार कार्ड, वोटर आइडी, बैंक पासबुक सहित मार्कशीट और अन्य दस्तावेज मंगाए थे। कुछ दस्तावेजों में हस्ताक्षर भी लिए थे। वे समझ रहा थे कि नियमितीकरण की कार्यवाही के लिए उनसे दस्तावेज मंगवाए हैं।
लंबोदर ने बताया कि उन्हें घर बनाने और स्वरोजगार के लिए पैसे की जरूरत है। इसके लिए लोन निकालने को वे जब व्यापार एवं ग्रामोद्योग विभाग के दफ्तर गए तो वहां के अधिकारियों ने बताया कि उनकी मार्कशीट और नाम पर पहले ही 10 लाख 10 हजार रुपये का कर्ज लिए जा चुके हैं। इससे वे अवाक रह गए।
लंबोदर मंडावी की शिकायत के बाद महिला अधिकारी के खिलाफ क्षेत्रीय कार्यालय से जांच शुरू कर दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
– विवेक कुमार चौहान, सहायक प्रबंधक, दंतेवाड़ा शाखा