Power Crisis: देश में बिजली संकट गहराता जा रहा है। कोयले की कमी को इसका सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। जिन राज्यों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है, उनमें दिल्ली, पंजाब, यूपी, हरियाणा, ओडिशा, राजस्थान शामिल हैं। दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने बताया है कि राजधानी में केवल 2 दिन का कोयला बचा है। ऐसे में यदि केंद्र सरकार ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो अस्पतालों की आपूर्ति ठप्प हो सकती है। साथ ही मेट्रो सेवा भी ठप्प पड़ सकती है। दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक की और केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
दादरी-सेकंड और ऊंचाहार बिजली स्टेशनों से बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण दिल्ली मेट्रो और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों सहित कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में समस्या हो सकती है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में बिजली की 25-30 प्रतिशत मांग इन बिजली स्टेशनों के माध्यम से पूरी की जा रही है, और वे कोयले की कमी का सामना कर रहे हैं। सरकार स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि लोगों को राजधानी के कुछ इलाकों में बिजली की कमी का सामना न करना पड़े।
पंजाब में 40 फीसदी बढ़ी बिजली की खपत
भीषण गर्मी के कारण पंजाब में बिजली की खपत बढ़ गई है। पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने कहा कि बढ़ते तापमान से पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बिजली की मांग में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं किसान संगठन किसान मजदूर संघर्ष समिति ने अमृतसर में बिजली मंत्री के आवास के सामने कृषि क्षेत्र को पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित नहीं करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन की घोषणा की।