Dhuni Bale Dada: धुनि वाले दादा खंडवा में श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र, कई सालों से जल रही है। धुनि, गरु पूर्णिमा पर पहुंचे लाखों श्रद्धालु
के के यदुवंशी पत्रकार सिवनी मालवा –
खंडवा : शहर में धुनि वाले दादाजी का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का मुख्य केंद्र है। दादाजी धूनीवाले के दरबार में लाखों भक्त माथा टेकने दूर-दूर से आते हैं और अपनी मनोकामना दादा जी को बताते हैं यहां गुरु पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में भक्त आते हैं ।यहां की व्यवस्था समिति और पुलिस के द्वारा संभाली जाती है।
देशभर से लोग यहां पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं। दादाजी के असंख्य भक्त हैं दादाजी के समय से अब तक निरंतर धूनी जल रही है। दादाजी ने खंडवा शहर में समाधि ली।
दादाजी धूनीवाले नर्मदा के अनन्य भक्त थे। वह नर्मदा के किनारे ही साधना करते थे। अंतिम दिनों में वह खंडवा पहुंचे थे और यहीं समाधिलीन हुए। गुरु पूर्णिमा पर्व पर न केवल मध्य प्रदेश बल्कि देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।खंडवा में दादाजी धूनीवाले का आश्रम है, जहां दादाजी ने समाधि ली थी। यह संत हमेशा अपने पास एक धूनी जलाए रखते थे इसलिए इनका नाम दादाजी धूनीवाले हो गया। आश्रम में एक धूनि लगातार जलती आ रही है।