नर्मदापुरम : गठित समिती द्वारा पटवारी प्रवीण मेहरा की मृत्यु की जांच की गई, सभी पटवारियों को अपने अपने कार्यस्थल पर उपस्थित होने के लिए किया निर्देशित
के के यदुवंशी पत्रकार,
नर्मदापुरम पटवारी संघ द्वारा तहसील पिपरिया में पदस्थ पटवारी प्रवीण मेहरा की 10 जुलाई को मृत्यु की जाँच के लिए प्रस्तुत ज्ञापन के संबंध में अपर कलेक्टर नर्मदापुरम डी.के सिंह, संयुक्त कलेक्टर अनिल कुमार जैन एवं डिप्टी कलेक्टर डॉ बबीता राठौर द्वारा जाँच की गई।
यह है मामला
प्रकरण में सरपंच, पटवारी, सचिव, ग्राम कोटवार एवं कथित छ: वारसान के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज कराई गई थी। जिसके संबंध में अनुविभागीय अधिकारी पिपरिया से बिदुवार जबाब एवं समस्त अभिलेख तलब किए गए। जिनका सूक्ष्म अध्ययन कर एवं समस्त पहलुओं की विधिवत जाँच उपरान्त पाया गया कि ग्राम घाना की तीन हैक्टेयर भूमि पर फौती नामांतरण का आदेश 05 जनवरी 2022 को हुआ था जिसमें जीवित भूमि स्वामी सुपाल को मृतक बताकर तथा कथित वारिसों के नाम कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर नामांतरण किया गया था। प्रकरण की अपील एवं शिकायत होने पर मामला अनुविभागीय अधिकारी के संज्ञान में आया तब नियमानुसार पुर्नविलोकन आदि की अनुमति पश्चात विवादित आदेश निरस्त किया जाकर वाद भूमि मूल भूमि स्वामी सुपाल के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज की गई। संपूर्ण प्रकरण में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। उक्त कार्यवाही तत्कालीन कलेक्टर के संज्ञान में लाकर की गई थी। प्रकरण के अवलोकन से स्पष्ट है कि अनुविभागीय अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही विधिक प्रक्रिया के तहत ही की गई थी।
श्री मेहरा की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु पर शोक व्यक्त किया गया। उक्त घटना के संबंध में 10 जुलाई 2024 की पीएम रिपोर्ट एवं एवं 9 जुलाई 2024 की निदान अस्पताल पिपरिया की लैब रिपोर्ट का अवलोकन पर पाया गया की मृतक पटवारी को डैंगू था एवं मल्टीपल ऑर्गन फेलियर से हदयाघात के कारण मृत्यु हुई। 16 जुलाई 24 को सायं 7 बजे, पटवारी संघ द्वारा 9 पटवारियों के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी पिपरिया के विरुद्ध बिंदुवार शिकायत प्रस्तुत की गई।
आज 17 जुलाई 2024 को सभी सम्बंधित पटवारियों को समिति द्वारा जांच में अपने कथन देने के लिए सूचित किया गया किन्तु कोई भी पटवारी उपस्थित नही हुआ। अपर कलेक्टर श्री डी के सिंह द्वारा बताया गया है कि जांच प्रचलन में है तथा सभी पक्षो के कथन, साक्ष्य, दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत ही निर्णय लिया जाना संभव है। उन्होने पटवारी हड़ताल के कारण जनता को हुई असुविधा पर खेद प्रकट करते हुए, सभी पटवारियों को तत्काल कार्यस्थल पर उपस्थित होने के निर्देष दिए