पटाखा दुकानों में सुरक्षा मानकों का नहीं हो रहा पालन, धड़ल्ले से बिक रहे अमानक पटाखे, कभी भी हो सकता है हादसा
के के यदुवंशी मकड़ाई समाचार सिवनी मालवा। पुराने बस स्टैंड के पास प्रशासन ने पटाखे की दुकान तो लगवा दी लेकिन दुकानदार नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।और ना ही कभी प्रशासन ने यहां आकर देखा कि नियम का पालन हो रहा है या नहीं मुख्य पटाखा बाजार के साथ गली-गली दुकान और घरों में भी खुली हुई है प्रशासन को नागरिकों ने बताया जानकारी होने के बाद भी प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है पटाखों की दुकानों में दुकानदार नियमों को ताक पर रखकर पटाखे बेचे जा रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यहां तक कि गली-मोहल्लों में खुली पटाखा दुकानें तो बिना लायसेंस के भी चल रही हैं। लेकिन न तो पुलिस और न ही प्रशासन ऐसे व्यापारियों पर कोई सख्त कार्रवाई कर है।
बिक रहे अमानक पटाखे
प्रशासन ने ज्यादा तेज आवाज वाले पटाखों, आतिशबाजी और हानिकारक तत्वों से युक्त पटाखों पर बंदिश लगाई हुई है, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मुख्य पटाखा बाजार मैं तो छोड़िए खुलेआम गली मोहल्लों में खुली पटाखा दुकानों में ऐसे पटाखे आसानी से मिल रहे हैं। बिना किसी दहशत के ये व्यापारी इन खतरनाक पटाखों को धड़ल्ले से बेच रहे हैं। पिछले दिनों प्रशासन ने कुछ पटाखों की दुकान पर जाकर देखा लेकिन दबंगों के कारण कोई कार्रवाई नहीं कर पाए।
पटाखा दुकान के लिए यह है जरूरी
पटाखा दुकान खोलने के लिए सबसे पहले तो प्रशासन द्वारा जारी किया गया लायसेंस जरूरी होता है। उसके बाद दुकान में अग्निशमन के लिए पर्याप्त अग्निशामक यंत्र, रखना अनिवार्य है। दुकान में किसी भी हालत में शॉर्ट सर्किट न हो इसके लिए विशेष विद्युत लाइन, स्विच बोर्ड लगाने पड़ते हैं। वही दुकानों में दूरी रखना चाहिए कपड़े नहीं लगना चाहिए टीम के चद्दर लगना चाहिए लेकिन व्यापारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं पूरे मामले में अधिकारी कहते हैं कि सुरक्षा के उपाय के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी जो भी गोदाम या पटाखा दुकानें अवैध रूप से संचालित हो रही हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी अब देखना यह है कि प्रशासन किस तरह की कार्रवाई करती है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार फटाके बचने के बाद व्यापारी बीच बस्ती में बने अपने घरों में ह रखते हैं जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है जिससे इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।