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पान खाने से होते है,अनेक आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ

पान का चलन पूरे देश में है। साथ ही इसका उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। लेकिन यदि एक नियमित रूप से पान के पत्तों का सेवन किया जाए तो इसके स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। इसके इस्तेमाल से सर्दी-जुकाम और फेफड़ों से संबंधित बीमारी को ठीक किया जा

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अगर आयुर्वेद की बात करें तो हमारे आसपास जितनी भी प्राकृतिक वनस्पति या संसाधन मौजूद है उनके अनेकों लाभ इस औषधी विज्ञान में बताए गए है. उसी श्रृंखला में से एक वनस्पति का नाम पान के पत्तें भी है. इनसे होने वाले लाभ हमें कई तरह की परेशानियों से बचाते है. अगर पान के पत्ते के फायदे के बारे में बारे में बात करें तो कई धार्मिक प्रयोजनों में भी इनका इस्तेमाल किया जाता हैं|लेकिन पान के पत्ते का सबसे आम और सार्वजनिक इस्तेमाल तंबाकू, चुना, कत्था और सुपारी आदि लगाकर इसे खाने के लिए किया जाता है, ऐसा करने की भी एक लंबी परंपरा रही है. काफी लोगों का मानना है कि इससे भी कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं

आयुर्वेद में पान के पत्तों के काफी गुण बताए गए हैं। आयुर्वेद के अनुसार सर्दी, बुखार जैसी समस्याओं को ठीक करने में भी पान के पत्ते बेहद फायदेमंद साबित होते हैं। छाती में जकड़न और फेफड़ों की समस्या में पान के पत्तों का सेवन करना चाहिए। इनके सेवन से धीरे-धीरे शरीर का उपचार होने लगता है। यदि ठीक से सांस नहीं ले पा रही हैं तो गर्म पानी में पान के पत्तों के साथ लौंग और इलायची को उबालते रहें, जब पान आधा हो जाए तो इस पानी का सेवन करें। ऐसा करने से फेफड़ों में आई सूजन भी कम होती है। दिन में दो बार इसका सेवन करें।

 

ब्रेस्ट स्वेलिंग को करता है दूर

कई प्रसूताएं अपने नवजात शिशु को दूध नहीं पिला पाती हैं। इस वजह से उनके ब्रेस्ट में काफी स्वेलिंग आ जाती है। इस स्वेलिंग को दूर करने के लिए पान के पत्तों को हल्का गर्म करके उनके ब्रेस्ट पर बांध सकते हैं। इसे बांधने से स्वेलिंग कम होती है।

सिरदर्द से मिलती है राहत

पान के पत्तों में एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं। यदि आप कहीं बाहर से आ रहे हैं और तेज सिरदर्द हो रहा है तो आप कुछ देर के लिए लेट जाएं और पान के पत्तों को गीला करके अपने माथे पर रख लें। इससे आपको जल्द ही राहत मिलेगी। उसके अलावा यदि बार-बार आपको सिरदर्द की समस्या होती रहती है तो पान के तेल को सिर पर लगाएं।

हाई ब्लड शुगर नियंत्रित करती

शुगर जैसी महत्वपूर्ण बीमारियों में भी पान के पत्तों की सकारात्मक भूमिका होती है. दरअसल पान की पत्तियां हाई ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित कर सकती हैं. यदि आप पान की पत्तियों का अर्क नियमित रूप से लें, तो इसमें मौजूद एंटी डायबिटिक गुण आपके ब्लड शुगर के लेवल को कम कर सकते हैं.

मूत्रवर्धक के रूप में 

पान की पत्तियों को पीसकर उसे निकाला हुआ रस और इसमें थोड़ा पतला दूध मिलाकर सेवन करने से शरीर में पानी की अवधारण क्षमता में सुधार आता है. ऐसा करने से पेशाब की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को काफी राहत मिलती है. इसलिए पान के पत्तों को एक अच्छा मूत्रवर्धक भी माना जाता है.

भूख को बढ़ाने में 

भूख से संबंधित समस्याओं या पेट खराब होने की स्थिति में पान के पत्ते के फायदे भी देखे जाते है. दरअसल, पान के पत्ते भूख लगने वाले हार्मोन को ट्रिगर कर करने में सक्षम होते हैं. जिससे कि आपकी भूख न लगने की समस्या दूर होती है. साथ ही पान के पत्ते आपके पेट से तमाम विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर आपकी भूख बढ़ाने में मदद करते है.

पाचन से संबंधित समस्याओं में

पान के पत्ते चबाने से आपकी लार ग्रंथि सक्रियता में सुधार होता है. इसलिए अब जब भी आप कुछ खाते हैं तो उसमें ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लार मिल पाता है. जिससे कि लार में पाए जाने वाले एंजाइम खाद्य पदार्थों को अच्छे से तोड़ पाते हैं इस वजह से पाचन बहुत आसान हो जाता है.

गैस की समस्या में 

आज की तारीख में गैस्ट्रिक संबंधित परेशानियां कई लोगों में देखी जाती है. यह परेशानियां पाचन से संबंधित समस्याओं के कारण भी हो सकती हैं. पान के पत्ते नियमित सेवन करने से एसिडिटी की समस्या में राहत मिलती है. जिससे कि आपकी गैस्ट्रिक की समस्या काफी हद तक दूर हो जाती है.

घाव के उपचार में

कटने, छिलने आदि घाव पर पान की पत्तियों का रस निकालकर लगाने से घाव में संक्रमण नही होता है क्योंकि पान के पत्तों में घाव और संक्रमण को दूर करने के गुण पाए जाते हैं. आप इसे प्रभावित क्षेत्रों में लगा कर इसे किसी कपड़े से बांध लें. यह विनाशकारी रोगाणुओं के विकास को भी बाधित करता है.

मुहांसों को दूर करने में

पान के पत्ते में रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं इस वजह से पान के पत्ते मुहांसे, ब्लैक स्पॉट, खुजली, एलर्जी आदि समस्याओं का इलाज करने में सक्षम होते हैं. पान की पत्तियों के रस में हल्दी मिलाकर मुंहासों पर या एलर्जी वाले स्थानों पर लगाने से यह समस्या खत्म होती है. यही नहीं पान के पत्ते का रोगाणुरोधी गुण आपकी त्वचा को संक्रमण से भी बचाता है.

मुंह की समस्या व मसूड़ों के लिए

पान के पत्तों को चबाने से आपके मुंह में स्थित तमाम जीवाणु जो कि आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं, खत्म होते हैं. इस तरह से पान के पत्ते चबाने से आपका मुंह साफ होता है, मसूड़ों को भी मजबूती मिलती है. पान के पत्ते अक्सर मुंह में होने वाले रक्त स्राव को भी रोक सकते हैं.

बालों के लिए पान के पत्ते का इस्तेमाल 

बालों से जुड़ी समस्याओं की बात करें तो पान के पत्ते का उपयोग बालों के झड़ने से संबंधित मुद्दों के लिए किया जाता है. इसके लिए आपको पान के पत्ते को पीसकर इसे नारियल तेल के साथ मिलाकर पेस्ट बनाना होगा, फिर इसे अपने स्कैल्प पर लगाया जा सकता है.

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए 

काफी सारे लोगों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या होती है तो ऐसे में वह 1 चम्मच केसर, इलायची, सूखे हुआ नारियल के टुकड़े, किशमिश और मिश्री को पान के पत्ते में बांधकर भोजन के बाद लेने से यह समस्या दूर हो सकती है. काफी सारे नव विवाहित जोड़ो को रात को दूध के साथ यह वाला पान दिया जाता है जिससे वह सेक्स का अच्छा अनुभव कर सकते है.

कब्ज के लिए 

पान के पत्ते का नियमित रूप से सेवन करने पर पाचन में सहायता मिलती है क्योंकि यह एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते है जो हमारे शरीर से फ्री रेडिकल को दूर करते है और शरीर में पीएच लेवल को सामान्य करते है. इसका सेवन करने के लिए इसकी पत्तियों को मैश कर लें और रातभर के लिए पानी में रखें. अगली सुबह इसी पानी का सेवन करने से कब्ज से राहत मिलती है|

(NOTE -गंभीर रोग में अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर ही उपयोग करें।)