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पालतू मुर्गे की मौत पर शोक जताने के लिए मनाई ‘तेरहवीं’, दावत में 500 मेहमानों को बुलाया

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के एक परिवार द्वारा एक पालतू मुर्गे की मृत्यु के बाद की रस्मों के तहत एक ‘तेरहवीं’ समारोह का आयोजन किया गया। वह एक आवारा कुत्ते से अपने मालिक के मेमने को बचाने की कोशिश में मर गया था। यह घटना प्रतापगढ़ की है। गुरुवार को हुए इस समारोह में 500 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया था और मेहमानों को प्रथागत दावत दी गई थी। समारोह में एक मेज पर मुर्गे की एक तस्वीर भी रखी गई थी।

अक्‍सर कई लोगों के लिए, पालतू जानवर बहुत भावनात्मक महत्व रखते हैं और अपने प्यारे जानवर को खोना काफी दर्दनाक और परेशान करने वाला हो सकता है। उनके लिए पालतू जानवर बहुत खास होता है और पशु प्रेमियों के लिए उनके पालतू जानवर परिवार के सदस्यों की तरह होते हैं।

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आजकल कई मालिक अपने पालतू जानवरों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार करके उचित विदाई देने की कोशिश करते हैं, जैसा कि वे अन्य मनुष्यों के लिए करते हैं। ऐसे ही एक उदाहरण में, एक पालतू मुर्गे की मृत्यु के बाद की रस्म के एक भाग के रूप में एक ‘तेरहवीं’ समारोह आयोजित किया गया था, जो अपने मालिक के मेमने को एक आवारा कुत्ते से बचाने की कोशिश में मर गया था।

आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार मुर्गे लाली को 7 जुलाई को घर के पिछवाड़े में रखा गया था और परिवार बाहर बैठा था। घटना के बारे में बताते हुए लाली के मालिक डॉ सालिग्राम सरोज ने कहा, “मेरे परिवार के सदस्य घर के सामने की तरफ थे जब उन्होंने पिछवाड़े से कुछ शोर सुना। वे मौके पर पहुंचे और देखा कि एक गली का कुत्ता पिछवाड़े में घुस आया है और मेमने पर हमला कर रहा है। लाली उनके बचाव में कूद पड़ा और कुत्ते से लड़ने लगा। वह मेमने को बचाने में कामयाब रहा लेकिन खुद घायल हो गया। अगले दिन चोटों के कारण उसने दम तोड़ दिया।”

सरोज के बेटे अभिषेक ने कहा, “हमने लाली को घर के पास दफनाया और सभी रस्में निभाईं जो आमतौर पर परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद की जाती हैं। अनुष्ठान करते समय मेरे पिता ने तेरहवीं करने का प्रस्ताव रखा जिस पर परिवार के सभी लोग सहमत हो गए।