मकड़ाई समाचार शहडोल। पूर्व विधायक एवं पूर्व संसदीय सचिव रामप्रसाद सिंह का निधन हो गया। लंबे अरसे से अस्वस्थ चल रहे थे। रामप्रसाद विधायक नाम से क्षेत्र और जिले के लोग उन्हें जानते थे। सादगी, मृदुभाषी, सरल स्वभाव की दौलत रामप्रसाद ने बेहिसाब कमाई थी। रामप्रसाद ऐसे पहले विधायक थे जिन्होंने अपने ग्राम बरमनिया में हायर सेकेंडरी स्कूल खुलाया फिर उसी स्कूल से हायर सेकेंडरी की परीक्षा स्वयं पास की। रामप्रसाद 1960 के दशक में जैतपुर विधानसभा क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी की ओर से विधायक रहे, लेकिन स्वर्गीय कृष्णपाल सिंह, स्वर्गीय पंडित रामकिशोर शुक्ला और स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी ( रीवा ) के प्रयासों से कांग्रेस में आए और विधायक बने।
पैदल चल चलकर लोगों के दुख दर्द में शामिल होना और लोगों के निस्वार्थ भाव से काम कराना रामप्रसादजी की जीवन शैली में शामिल था। उनके और उनके परिवार की हालत आज भी बतलाती है कि रामप्रसाद ईमानदारी की मिसाल थे। रामप्रसाद चार बार विधायक रहे। स्वर्गीय इंदिरा गांधी और स्वर्गीय राजीव गांधी रामप्रसाद को उनके नाम से पहचानते थे। पंडित श्यामाचरण शुक्ला, प्रकाश चंद सेठी और अर्जुन सिंह रामप्रसाद के प्रति विशेष लगाव रखते थे। प्रशासन की ओर से कलेक्टर सत्येंद्र सिंह ने प्रतिनिधि के रूप में तहसीलदार मीनाक्षी बंजारे को बरमनिया भेजा जहां उन्हें पूरे सम्मान के साथ विदाई दी गई। मुखाग्नि दिवंगत रामप्रसाद जी के जेष्ठ पुत्र राम गोपाल शरण सिंह ने दी।