मकड़ाई समाचार नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब ऐसे रिटायर अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का मुड बना चुकी है, देश के खुफिया व सुरक्षा संबंधित संगठनों से हैं और बगैर सरकार की अनुमति के कुछ भी सूचनाएं प्रकाशित कर देते हैं। अब खुफिया या सुरक्षा से संबंधित संगठनों से सेवानिवृत्त अधिकारी बगैर सरकार की अनुमति के कुछ भी प्रकाशित नहीं कर सकेंगे। खुफिया विभाग व सैन्य संगठन से जुड़े रिटायर अधिकारी अगर कोई सामग्री प्रकाशित करना चाहते हैं तो उन्हें सबसे पहले सरकार से अनुमति लेना जरूरी है। इसके बाद ही इसके प्रकाशित होने पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
पेंशन नियमों में बदलाव
केंद्र सरकार ने हाल ही सिविल सेवकों के लिए पेंशन के नियमों में एक बड़ा बदलाव कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक अगर इन संगठनों से जुड़ा कोई रिटायर अधिकारी बगैर अनुमति के कोई खुफिया जानकारी प्रकाशित करता है तो उसकी पेंशन रोक दी जाएगी। सरकार के इस फैसले के पीछचे आंतरिक सुरक्षा का हवाला दिया गया है।
नए नियम के मुताबिक किसी भी खुफिया या सुरक्षा से संबंधित संगठन के अधिकारियों को यदि कुछ लिखना है, तो उसमें कोई भी संवेदनशील या ऐसी जानकारी नहीं होनी चाहिए, जिससे देश की सुरक्षा या सम्मान को ठेस पहुंचे। ऐसे में अधिकारी को कुछ भी ऐसा लिखने से पहले एक अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह सेवा में रहते हुए या सेवानिवृत्ति के बाद अपने विभाग से संबंधित कोई भी जानकारी सावर्जनिक रूप से प्रकाशित नहीं करेगा। अगर कोई रिटायर अधिकारी ऐसा काम करता है तो उसे नियम विरुद्ध माना जाएगा और पेंशन रोक दी जाएगी।
अधिकारियों को लिखने की आजादी लेकिन लेनी ही अनुमति
सरकार ने साफ किया है कि सरकारी अधिकारियों पर लिखने संबंधित कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन कुछ भी सामग्री प्रकाशित करने से पहले सक्षम अधिकारी से हरी झंडी लेनी होगी। सक्षम अधिकारी को यह फैसला लेने का अधिकार होगा कि प्रकाशन के लिए प्रस्तावित सामग्री छपने योग्य है या नहीं।