सर्विलांस व काल डिटेल की मदद से पुलिस ने 24 घंटे में हत्या की गुत्थी सुलझा ली
गोरखपुर : प्रेमी के साथ मिलकर पति और बेटे की हत्या में उम्रकैद की सजा काट रही अर्चना यादव की गतिविधि गोरखपुर जेल में ठीक न होने पर जेल प्रशासन ने उसे महराजगंज जेल में शिफ्ट कर दिया है। वहीं दूसरा आरोपित अजय यादव गोरखपुर जेल में ही रहेगा।
2016 में हुई थी घटना: 20 जनवरी 2016 को शाहपुर के बशारतपुर अशोकनगर निवासी डा. ओम प्रकाश यादव और उनके मासूम बेटे शिवा की घर में हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी अर्चना यादव ने लूट के लिए हत्या होने की जानकारी पुलिस को दी थी। सर्विलांस व काल डिटेल की मदद से पुलिस ने 24 घंटे में हत्या की गुत्थी सुलझा ली।
फिरोजाबाद का रहने वाला है प्रेमी: छानबीन में पता चला था कि अर्चना ने फिरोजाबाद, शिकोहाबाद के स्वामीनगर निवासी अपने प्रेमी अजय यादव के साथ मिलकर वारदात की थी। फेसबुक के जरिए दोनों की जान- पहचान हुई थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस मामले में कोर्ट ने अर्चना और अजय को जेल में रहते ही अक्टूबर 2020 में उम्रकैद की सजा सुना दी।
इस वजह से महराजगंज जेल में भेजी गई अर्चना: पिछले कुछ माह से जेल में अर्चना की गतिविधि ठीक न होने पर जेल प्रशासन ने उसे दूसरी जेल में शिफ्ट करने की रिपोर्ट भेजी थी। जेल मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद अर्चना को महराजगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
अंधे प्रेम में हत्यारी बन गई अर्चना: अर्चना और अजय जिस झूठे प्रेम में पड़कर कातिल तक बन गए, वह अब कभी पूरा नहीं हो पाएगा। वारदात के पांच साल बाद तक जेल में होने के कारण दोनों की कभी मुलाकात नहीं हो सकी। वहीं अब बाकी बचा जीवन भी जेल में गुजरना है। कोई रिश्ता न होने के कारण दोनों को मिलने की इजाजत कानून भी नहीं देता है।