राखी सरोज:-
इंसान अपने जीवन में अपने कष्टों और तकलीफ को समझता है। किंतु एक लेखक दूसरों के दर्द और तक़लिफों को भी महसूस कर अपने एहसासों में जी कर अपनी कलम से शब्दों में पिरोता है और इस कार्य को सबसे अच्छे से हिंदी साहित्य के जाने माने लेखक मुंशी प्रेमचंद से ज्यादा अच्छे से कोई नहीं कर सका है। एक नाम जो हमारे इतिहास में एक महान साहित्यकार के रूप में लिख चुका है। जिनका स्थान और महत्व केवल इस लिए नहीं है कि वह महान कहानी कार या उपन्यास कार थें। उनका महत्व इस लिए है क्योंकि उनकी कहानियों और उपन्यासों में व्यक्ति का यथार्थ भी एक आदर्श रूप में दिखता है। प्रेम चंद जी ने जिस प्रकार से उतर भारत की तस्वीर अपने उपन्यासों और कहानियों में उतारी उस तरह का कार्य अन्य कोई लेखक नहीं कर सका। स्त्री दशा हो, कुप्रथा या स्वार्थी व्यक्ति का यथार्थ ऐसी कोई स्थिति नहीं है जो हमने प्रेम चंद की लेखनी में ना देखी हो। स्त्रियों का गहनों के प्रति प्रेम हों या फिर जाति भेद भाव के चलते पानी की चाह में अपनी ज़िंदगी को दाब पर लगाना हो। हमने हर वह भाव प्रेम चंद जी की कलम से निकले शब्दों में पढ़ें है। प्रेम चंद महान और अद्भुत लेखक थें।