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”फुटबॉल के जादूगर पेले नहीं रहे” -फुटबॉल जगत शोक में डूब गया, 1967 में नाइजीरिया में 48 घंटे के युद्ध को रोका ताकि सभी सैनिक पेले का मैच देख सके

विश्व के महान फुटबॉलर पेले का निधन हो गया है। महान खिलाड़ी पेले ने 82 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। विगत एक वर्ष से पेले पेट के कैंसर से जूझ रहे थे। उनके निधन से फुटबॉल जगत शोक में डूब गया हैं। उनकी बेटी ने उनके निधन के जानकारी सोशल मीडिया पर दी कि  ”फुटबॉल के जादूगर पेले नहीं रहे’।

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1967 में नाइरजीरिया में 48 घंटे के युद्ध को रोका ताकि सभी सैनिक पेले का मैच देख सके

ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले का गुरुवार देर 82 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी बेटी कैली नैसिमेंटो ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी। पेले पेट के कैंसर से जूझ रहे थे। उन्हें 29 नवंबर को साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कीमोथेरेपी के जरिए उनका ट्रीटमेंट किया गया। लेकिन, उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा था। इसके बाद कीमोथेरेपी बंद कर उन्हें दर्द कम करने की दवाइयां दी जाने लगीं। उन्हें किडनी और कार्डियक डिसफंक्शन भी था। पेले को गैसोलिना, द ब्लैक पर्ल और द किंग जैसे कई निक नेम से जाना जाता था।
पेले का पूरा नाम एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो था। उन्हें दुनिया ने अब तक के सबसे महान फुटबॉलर के रूप में जाना जाता था। पेले तीन बार विश्व कप जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 1958, 1962 और 1970 में खेल की सबसे प्रतिष्ठित ट्रॉफी फीफा वर्ल्ड कप जीता था।82 वर्षीय पेले का ब्राजील के साओ पाउलो में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह कैंसर से संबंधित जटिलताओं से जूझ रहे थे और लगभग एक महीने भर्ती रहने के बाद अंतिम सांस ली। सितंबर 2021 में उनकी बड़ी आंत में बने ट्यूमर को ऑपरेशन कर हटा दिया गया था। न तो उनके परिवार और न ही डॉक्टरों ने समझा कि यह अन्य अंगों में भी फैल गया है। उनका इस समय श्किडनी और कार्डियक डिसफंक्शनश् से संबंधित इलाज चल रहा था। पेले फीफा ने पेले को श्महानतमश् का लेबल, 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा श्एथलीट ऑफ द सेंचुरीश् का नाम दिया गया और टाइम मैगजीन की 20वीं सदी के 100 सबसे महत्वपूर्ण लोगों की सूची में शामिल पेले को 2000 में विश्व खिलाड़ी का वोट दिया गया था।