मकड़ाई एक्सप्रेस 24 आयुर्वेद। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण और हमारी खराब जीवनशैली मिलकर हमारी सेहत को बर्बाद करने में लगे हैं। इससे हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो रहा है और हम आसानी से सामान्य सर्दी, खांसी और वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं।आयुर्वेदिक दवाओं और उपायों का कई सालों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जा रहा है और वो असरदार भी साबित हुए हैं।
आयुर्वेद को सर्दी और फ्लू जैसे लक्षणों को कम करने के लिए भी शक्तिशाली माना जाता है। रोजाना की जीवनशैली में आयुर्वेदिक उपाय जैसे खाने में इम्मयूनिटी बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियां और मसाले शामिल करना, प्राणायाम करना और प्राकृतिक उपचारों के इस्तेमाल आदि से खांसी और जकड़न को कम करने में मदद मिल सकती है।आयुर्वेदिक दवाओं और उपायों का कई सालों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जा रहा है और वो असरदार भी साबित हुए हैं। आयुर्वेद को सर्दी और फ्लू जैसे लक्षणों को कम करने के लिए भी शक्तिशाली माना जाता है। रोजाना की जीवनशैली में आयुर्वेदिक उपाय जैसे खाने में इम्मयूनिटी बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियां और मसाले शामिल करना, प्राणायाम करना और प्राकृतिक उपचारों के इस्तेमाल आदि से खांसी और जकड़न को कम करने में मदद मिल सकती है।
1. तुलसी का काढ़ा: जब गले की खराश से बचाने की बात आती है, तो तुलसी काढ़ा किसी चमत्कारिक अमृत से कम नहीं है। इस कमाल के काढ़े को उबलते पानी में कुछ तुलसी के पत्ते, लेमनग्रास, अदरक और गुड़ डालकर घर पर ही बनाया जा सकता है। इन जड़ी-बूटियों को तब तक उबालें, जब तक ये अपना रस न छोड़ दें और तुरंत राहत पाने के लिए इसे पिएं। यह सर्दी-खांसी से राहत दिलाने के लिए अद्भुत काम करता है। क्या आप जानते हैं कि तुलसी एक ऐसी शक्तिशाली जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल कफ जैसे कई फायदेमंद कफ सिरप में किया जाता है!
2. अदरक का काढ़ा: अदरक में सूजनरोधी गुण होते हैं जिस वजह से केवल अदरक का काढ़ा भी लाभदायक होता है। यह गले में सूजन को कम करने और सर्दी-खांसी के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसे तैयार करने के लिए उबलते पानी में ताजा अदरक के कुछ टुकड़े डालें और इसे कुछ मिनट के लिए डूबा रहने दें। अधिक लाभ के लिए आप इसमें शहद और नींबू भी मिला सकते हैं। खांसी और जुकाम से जल्दी ठीक होने के लिए इसे रोज पिएं।
3. मुलेठी का पानी: मुलेठी की प्राकृतिक मिठास कि वजह से इसे ‘स्वीट वुड’ या ‘मीठी लकड़ी’ के रूप में भी जाना जाता है। इसमें खांसी के इलाज के लिए सभी प्रभावी आयुर्वेदिक गुण हैं। मुलेठी पाउडर आपके वायुमार्ग के अंदर जमे जिद्दी बलगम को पतला और ढीला करने का काम करता है। यह कमाल की जड़ी-बूटी गले में खराश, खांसी और सांस की नाली (वायुमार्ग) में ज्यादा बलगम को बनने से रोकने में सहायक है। जो खांसी को दूर करने में सहायक होते हैं। खांसी जैसे लक्षणों को कम करने के लिए बस एक गिलास गर्म पानी में, 1 चम्मच मुलेठी पाउडर मिलाएं और इस काढ़े का दिन में दो बार सेवन करें।
4. हल्दी वाला दूध: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हल्दी में सूजनरोधी गुण होते हैं, जो इम्मयूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से शरीर में दर्द के साथ-साथ सर्दी के लक्षणों से राहत मिलती है।